
नई दिल्ली। लोकसभा में UAPA संशोधन बिल 2019 पास हो गया है। अब आतंकी गतिविधियों में शामिल व्यक्ति को आतंकवादी घोषित करना आसान होगा। Unlawful Activities (Prevention) Amendment Act बिल के पारित होने जांच एजेंसी शक के आधार पर भी किसी शख्स को आतंकवादी घोषित कर सकती है।
जानिए इस ऐंटी-टेरर' UAPA संशोधन बिल की खास बातें
- बिल में प्रस्तावित संशोधन से आतंकी गतिविधियों में किसी भी तरह से शामिल व्यक्ति और संस्थाओं को आतंकी घोषित कर सकती है। सरकार सबूत नहीं होने पर भी सिर्फ शक के आधार पर ही व्यक्तियों आतंकवादी घोषित कर सकेगी।
- राष्ट्रीय जांच एजेंसी ( nia )को बिल में काफी छूट दी गई है। जांच एजेंसी को इससे असीमित अधिकार मिल जाएंगे। इंस्पेक्टर रैंक या उससे बड़ी रैंक के अधिकारी को किसी भी मामले की जांच के लिए पूरी छूट रहेगी। हालांकि जांच शुरू करने से पहले डायरेक्टर जनरल से अनुमति लेनी होगी।
- एनआईए के महानिदेशक ( DG ) को ऐसी संपत्तियों को कब्जा और उनकी कुर्की करने का अधिकार मिल जाएगा, जिनका आतंकी गतिविधियों में इस्तेमाल होगा। अभी तक जिस राज्य में संपत्ति होती थी, वहां के डीजीपी की मंजूरी लेनी होती है।
- बिल के तहत अब NIA किसी भी राज्य में आतंकी गतिविधियों की जांच के लिए वहां की पुलिस की अनुमति के बिना जा सकती है।
- अगर बिल कानून का रुप लेता है तो राष्ट्रीय जांच एजेंसी के डीएसपी, असिस्टेंट कमिश्नर या इससे उच्च रैंक के अधिकारी मामले की जांच कर सकते हैं।
बिल के पक्ष में पड़े 287 वोट
द अनलॉफुल एक्टिविटीज (प्रिवेंशन) अमेंडमेंट बिल (गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम) विधेयक बुधवार को कांग्रेस के वॉकआउट और विपक्ष के हंगामे के बीच पास हुआ। UAPA संशोधन बिल के पक्ष में 287 जबकि विपक्ष में सिर्फ 8 वोट पड़े। बिल को आठ जुलाई को सदन में पेश किया गया था।
'कानून का नहीं होगा गलत इस्तेमाल'
चर्चा के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि कानून देश में आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए बनाया गया है। ये विश्वास दिलाता हूं कि किसी भी हालत में Unlawful Activities Act का गलत इस्तेमल नहीं होगा।
Updated on:
24 Jul 2019 08:27 pm
Published on:
24 Jul 2019 07:34 pm
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