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UGC का सभी यूनिवर्सिटीज को आदेश, आर्म्ड फोर्सेज फ्लैग डे पर छात्रों को याद दिलाएं सैनिकों का बलिदान

यूजीसी ने इस बाबत सभी विश्वविद्यालयों को एक खत लिखा है, जिसमें कहा है कि 7 दिसंबर को छात्रों को सैनिकों के सर्वोच्च बलिदान के बारे में बताया जाए।

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Armed Forces Flag Day

Armed Forces Flag Day

नई दिल्ली: आगामी 7 दिसंबर को आर्म्ड फोर्सेज फ्लैग डे से पहले यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन (UGC) ने देशभर के विश्वविद्यालयों को एक आदेश दिया है। यूजीसी ने यूनिवर्सिटीज के प्रमुखों को कहा है कि इस दिन विश्वविद्यालयों में आर्म्ड फोर्सेज फ्लैड डे से संबंधित कार्यक्रम आयोजित किए जाएं और छात्रों को हमारे सशस्त्र बलों के जवानों के द्वारा किए गए "सर्वोच्च बलिदानों" के बारे में बताया जाए। इसको लेकर यूजीसी ने सभी संस्थानों और यूनिवर्सिटियों के प्रमुखों को एक पत्र भेजा है, जिसमें कहा है कि इस दिन कैंपस में छात्रों को जवानों के बलिदान के बारे में बताया जाए और उनसे संबंधित कार्यक्रम आयोजित किए जाएं।

छात्रों को याद दिलाया जाए सैनिकों का 'सर्वोच्च बलिदान'
यूजीसी ने खत में विश्वविद्यालयों को ये आदेश दिया है कि छात्रों को हमारे देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने और विद्रोह के खतरों से हमारी रक्षा करने वाले हमारे बहादुर सशस्त्र बल कर्मियों द्वारा किए गए सर्वोच्च बलिदानों के बारे में बताया जाना चाहिए। खत में कहा गया है कि ये जवान ही हमें आतंकवाद "और प्राकृतिक आपदाओं से बचाते हैं। ऐसे में इस दिन इनके बलिदानों का स्मरण किया जाना चाहिए।

रक्षा मंत्रालय के आदेश पर यूजीसी करेगा निरीक्षण
यूजीसी ने विश्वविद्यालयों से अनुरोध किया है कि वे अपने कॉलेजों या संस्थानों में इस तरह के कार्यक्रमों को आयोजित करने के लिए छात्रों के बीच जागरूकता पैदा करें और उनसे बातचीत करें। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय इस दिन को बड़े पैमाने पर सेलिब्रेट करना चाहता है, जिसके लिए यूजीसी को निरीक्षण का भी आदेश दिया गया है।

ट्विटर-फेसबुक पर लोगों को किया जाएगा अवेयर
आपको बता दें कि 7 दिसंबर को आर्म्ड फोर्सेस फ्लैग डे है, जिसके लिए 1 से 7 दिसंबर के बीच बड़े पैमाने पर एक अभियान भी चलाया जाएगा, जिसके तहत पहली बार फंड जुटाने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म को चुना गया है। इस अभियान के तहत ट्विटर, फेसबुक आदि पर लोगों से गर्व से फ्लैग पहनने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा और सेनाओं को सपॉर्ट करने के लिए कहा जाएगा। इस फंड के लिए अब तक जनता के बीच घूम-घूम कर ही रकम जुटाई जाती रही है।

डिजिटल मीडिया के जरिए जुटाया जाएगा धन
लेकिन अब माना जा रहा है कि सोशल मीडिया या डिजिटल मीडिया पर अभियान चलाकर फंड जुटाया जाएगा। इस बाबत रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने पद संभालने के पहले ही दिन स्पष्ट कर दिया था कि पूर्व सैनिकों का कल्याण उनकी प्राथमिकता होगी। सूत्रों ने बताया कि डिजिटल मीडिया पर अभियान चलाने का मकसद इस फंड के लिए योगदान बढ़ाना है। विकलांग हुए पूर्व सैनिकों, युद्ध विधवाओं और शहीदों के बच्चों के साथ-साथ और इस तरह के अन्य लाभार्थियों की मदद की जा सके।