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अनलॉक 1.0 : दोबारा पटरी पर दौड़ेंगी तेजस और महाकाल एक्सप्रेस, सीट पर लगाई जा सकती है प्लास्टिक शील्ड

Railways Planning To Resume Corporate Trains : पिछले दो महीने से बंद तीन कॉरपोरेट ट्रेनों को दोबारा शुरू करने पर विचार-विमर्श किया जा रहा है ट्रेनों को लेकर रेलवे तैयार कर रहा है शेड्यूल, साथ ही अन्य सुविधाओं में फेरबदल की संभावना

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Soma Roy

Jun 05, 2020

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Railways Planning To Resume Corporate Trains

नई दिल्ली। लॉकडाउन (Lockdown) के चलते भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने दूसरी सामान्य ट्रेनों के साथ कॉर्पोरेट ट्रेनें तेजस एक्सप्रेस (Tejas Express) और महाकाल एक्सप्रेस (Mahakal Express) का भी संचालन बंद कर दिया था। मगर अब अनलॉक 1.0 के दौरान इन ट्रेनों को दोबारा चलाया जा सकता है। इस पर रेलवे विचार-विचर्श कर रहा है। चूंकि ये पूरी तरह से एसी ट्रेन हैं और इनमें खाने-पीने की सुविधा दी जाती है तो कोरोना काल में इनका संचालन कैसे हो इस पर प्लान तैयार किया जा रहा है।

IRCTC इन दिनों कॉरपोरेट ट्रेनों के लिए शेड्यूल तैयार करने में लगा हुआ है। रेल मंत्रालय की ओर से हरी झंडी मिलते ही इनका परिचालन दोबारा शुरू कर दिया जाएगा। मालूम हो कि इस समय देश में तीन प्राइवेट ट्रेनें चल रही हैं। जिनमें 2 तेजस और एक महाकाल एक्सप्रेस है। सूत्रों के मुताबिक रेलवे इन ट्रेनों में यात्रियों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखने के लिए दो सीटों के बीच एक शील्ड लगाने की तैयारी कर रहा है। ये शील्ड प्लास्टिक या कांच के हो सकते हैं। इससे यात्रियों के बीच गैप रहेगा और संक्रमण का खतरा कम रहेगा।

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सेफ्टी किट देने की तैयारी
वैसे तो इन प्राइवेट ट्रेनों में यात्रियों को तमाम तरह की सुविधाएं मिलती हैं। ऐसे में रेलवे यात्रियों को सेफ्टी किट देने के बारे में सोच रहा है। इस किट में सैनिटाइजर, मास्क और ग्लव्स होंगे। इसके अलावा स्टेशन आने और ट्रेन के अंदर यात्रियों के प्रवेश से पहले उनकी थर्मल स्क्रीनिंग भी की जाएगी।

कैटरिंग के नियमों में हो सकते हैं बदलाव
तीनों लंबी दूरी की ट्रेनें हैं इसलिए इनमें पका हुआ खाना मुहैया कराए जाने या इसकी जगह कुछ दूसरी चीजों को मेन्यू में शामिल करने पर भी विचार-विमर्श किया जा रहा है। कोरोना के दौरान संक्रमण का किसी तरह का खतरा न रहे इसके लिए कैंटीन में हाइजीन मेनटेन रखने के लिए खास प्लान बनाए जा रहे हैं। इसलिए माना जा रहा है कि कैटरिंग के नियमों में कुछ फेरबदल देखने को मिल सकता है।

एसी का टेम्परेचर भी सेट करने पर विचार
ये तीनों प्राइवेट ट्रेेनें पूरी तरह से वातानुकूलित हैं। चूंकि कोरोना संक्रमण का खतरा कम टेम्परेचर में भी है इसलिए कोचेज में एसी का टेम्परेचर कितना रखा जाए इस पर भी ध्यान दिया जा रहा है। गौरतलब है कि डिब्बों के अंदर का तापमान 24 डिग्री तक रखा जा सकता है।