माना जा रहा है कि मेट्रो का परिचालन 1 सितंबर से दोबारा शुरू होगा, लेकिन पहले फेज में हर किसी को इसमें सफर का मौका नहीं मिलेगा। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पहले चरण में सिर्फ सरकारी कर्मचारियों एवं इमरजेंसी सेवा से जुड़े लोगों को ही यात्रा करने का मौका दिया जाएगा। उसके एक सप्ताह बाद इसकी समीक्षा होगी। मानकों का ठीक से पालन होने पर मेट्रो सेवा दूसरे यात्रियों के लिए भी बहाल की जाएगी।
वैसे तो मेट्रो में सफर करने के लिए कार्ड (Smart Card) एवं टोकन दोनों सुविधाएं रहती हैं। मगर कोरोना संक्रमण को देखते हुए मेट्रो का परिचालन दोबारा शुरू होने पर सिर्फ स्मार्ट कार्ड रखने वाले यात्रियों को ही मेट्रो में सफर का मौका मिलेगा। भीड़—भाड़ को नियंत्रित करने के लिए फिलहाल स्टेशन पर टोकन काउंटर व टिकट वेंडिग मशीन बंद रहेंगे।
मेट्रो के किसी स्टेशन पर रुकते ही यात्रियों के चढ़ने-उतरने में धक्का-मुक्की न हो और डिस्टेंसिंग का पर्याप्त रूप से पालन हो इसके लिए मेट्रो ट्रेन हर स्टेशन पर पहले की तुलना में 30 सेकेंड ज्यादा रुकेगी। इससे ट्रेन में चढ़ने व उतरने के लिए पर्याप्त समय मिल सकेगा।
मेट्रो के अंदर सोशल डिस्टेंसिंग मेनटेन करने के लिए दो यात्रियों के बीच एक सीट खाली रहेगी। एक कोच में अधिकतम 50 लोग ही सफर कर पाएंगे। यात्रियों को ट्रैवल के दौरान मास्क लगाना और गल्व्स पहनना अनिवार्य होगा। इसके अलावा यात्रियों को अपने मोबाइल में आरोग्य सेतू ऐप डाउनलो करना जरूरी होगा। अगर किसी में सर्दी-जुकाम या बुखार जैसे लक्षण पाए गए तो उसे यात्रा नहीं करने दिया जाएगा।