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100 डायल कर रोजाना दो लाख लोग ले सकेंगे मुसीबत में मदद

यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने किया डायल 100 परियोजना का शिलान्यास, 400 लोगों के कॉल सेंटर में होंगी 1600 इमरजेंसी लाइन

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Sunil Sharma

Dec 20, 2015

Akhilesh yadav

Akhilesh yadav

लखनऊ। यूपी सरकार की ओर से शुरु की गई नई हेल्प लाइन 100 पर डायल कर कहीं भी और कभी भी मुसीबत में फंसे लगभग दो लाख लोग पुलिस की मदद हासिल कर सकेंगे।

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को देश की सबसे बड़ी इमरजेंसी सेवा तथा राज्य सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट प्रदेश स्तरीय पुलिस इमरजेन्सी प्रबन्धन प्रणाली (पीईएमएस) डायल 100 परियोजना का गोमती नगर विस्तार-7 में शिलान्यास किया। इस प्रोजेक्ट पर सरकार सालाना एक सामान्य कॉल पर 15 रुपए और इमरजेंसी कॉल पर 750 रुपये खर्च करेगी।

पुलिस और पब्लिक के बीच बढ़ेगा भरोसा

सीएम अखिलेश यादव ने परियोजना का शिलान्यास करते हुए कहा कि डायल 100 पुलिस और आम जनता के बीच आपसी विश्वास बढ़ाने का काम करेगी। इसके लिए हमने तकनीक और संसाधनों का इस्तेमाल कर हमने एक बड़ी कोशिश की है। देश और विदेश की तमाम पुलिस और इमरजेंसी सेवाओं का विश्लेषण कर तमाम अनुभवों को जोड़कर इस सेवा को तैयार किया जा रहा है। अपराध का तरीका बदल रहा है, पुलिस को भी बदलना पड़ेगा। यह सेवा पूरे देश के लिए उदाहरण बनेगी। पुलिस पर लोगों का भरोसा बढ़ेगा तो प्रदेश में खुशहाली आएगी।

विरोधियों पर साधा निशाना

अखिलेश यादव ने विरोधियों पर चुटकी लेते हुए कहा कि हमारा काम अच्छा होता है, चाहे वह 1090 सेवा हो, साइकल से पुलिसिंग हो, लैपटॉप वितरण हो या एंबुलेंस सेवा, लेकिन विपक्षी सदैव हमारा दुष्प्रचार ही करते हैं। इससे दूसरे राज्यों में प्रदेश की छवि खराब होती है। उन्होंने पार्कों पर चुटकी लेते हुए कहा कि लोहिया और जनेश्वर मिश्र पार्क में हमारे विरोधी भी जाएंगे तो वे बुरे मन से ही सही पर तारीफ करते हुए आएंगे।

ये हैं डायल 100 परियोजना की विशेषताएं

(1) परियोजना की कुल लागत - 2325.33 करोड़ रुपए
(2) कुल 2 लाख स्क्वायर फीट जमीन पर तैयार होगा सेंट्रल मास्टर कोऑर्डिनेशन सेंटर
(3) प्रतिदिन 300 लोगों को ट्रेनिंग कराने की व्यवस्था होगी
(4) ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 2500 से अधिक बोलेरो जीपीएस युक्त होंगी, जो मास्टर सेंटर से जुड़ी रहेंगी
(5) शहरी क्षेत्रों के लिए 700 से अधिक इनोवा गाड़ियां और 1600 पल्सर बाइक हरदम सहायता के लिए तैयार
(6) हर फोन कॉल का जवाब देने के लिए महिला स्टाफ होगा
(7) मूक-बधिर के साथ किसी भी आंचलिक भाषा, हिंदी और अंग्रेजी में जवाब देने की व्यवस्था होगी
(8) आने वाले समय में पुलिस के अलावा जनसुरक्षा से जुड़ी अन्य सर्विसेज जैसे फायर सर्विस, हाईवे पुलिस, इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम, स्मार्ट सिटी सर्विलांस, वीमेन पावर लाइन, स्वास्थ्य सेवाओं को भी यही से संचालित किया जाएगा।

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