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उपहार कांडः दिल्‍ली हाईकोर्ट ने गृह मंत्रालय से पूछा- अभियुक्तों को कैसे जारी हुआ पासपोर्ट?

विभागीय अधिकारियों से जताई नाराजगी दिल्ली पुलिस से मांगा जवाब विदेश मंत्रालय को दिया जांच का आदेश

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नई दिल्‍ली। दिल्‍ली के चर्चित उपहार कांड के अभियुक्तों को पासपोर्ट जारी किए जाने के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने अब सख्त रुख अपना लिया है। हाईकोर्ट ने इस मामले में विभागीय अधिकारियों से पूछा है कि अभियुक्तों गोपाल और सुशील अंसल को पासपोर्ट कैसे जारी हुआ। इस मामले में अगली सुनवाई 26 सितंबर को होनी है।

इस मामले में दिल्‍ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस और गृह मंत्रालय से एक सप्ताह के अंदर अदालत में जवाब दाखिल करने को कहा है। कोर्ट ने छह माह गुजर जाने के बावजूद इस मामले में कोई प्रगति न होने पर भी नाराजगी जताई है।

वीआईपी ट्रीटमेंट देने पर जताई नाराजगी

दिल्‍ली हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए स्टेटस रिपोर्ट जांच अधिकारी द्वारा स्पेसिफिक डेट पर उठाए गए कदमों पर भी मौन के मुद्दे पर भी सवला उठाया है। कोर्ट ने एक अपराधी को वीवीआईपी ट्रीटमेंट दिए जाने पर भी आश्चर्य जताया। इस मामले की अगली सुनवाई 26 सितंबर को होगी।

उपहार कांड में 59 लोगों की हुई थी मौत

बता दें कि 1997 के उपहार सिनेमा अग्निकांड में 59 की मौत हो गई थी। सिनेमा हॉल के मालिक सुशील अंसल को निचली अदालत ने 2007 में ही इस मामले में दोषी ठहरा दिया था।

दिल्‍ली की कोर्ट ने अंसल का पासपोर्ट जब्त कर लिया था, लेकिन तीन दफे सन 2000, 2004 और 2013 में रिन्यू के नाम पर पासपोर्ट जारी कर दिया गया। उपहार कांड में अपने दो बच्चों को गंवा चुकी नीलम कृष्णमूर्ति ने कोर्ट में याचिका दायर कर अंसल पर गलत हलफनामा लगा सरकार को गुमराह कर पासपोर्ट जारी करा लेने का आरोप लगाया था।

इस मामले में एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने विदेश मंत्रालय को मामले की जांच कराने और उसकी रिपोर्ट कोर्ट को देने का आदेश दिया था।