चूंकि बच्चों में संक्रमण का खतरा ज्यादा हो सकता है इसलिए प्रशासन के निर्देशानुसार श्राइन बोर्ड ने 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को यात्रा की अनुमति नहीं दी है। इसके अलावा सभी तीर्थयात्रियों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य होगा। यात्रा रात में बंद कर दी जाएगी
मंदिर प्रांगढ में भीड़ न हो इसके लिए थोड़े समय के लिए भक्तों को सुबह आयोजित होने वाली आरती में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसमें केवल पुजारी एवं मंदिर के सदस्य ही मौजूद रहेंगे। बाद में स्थिति का जायजा लेने के बाद इस दिशा में कोई कदम उठाया जाएगा।
काउंटरों पर भीड़ से बचने के लिए तीर्थयात्रियों का पंजीकरण केवल ऑनलाइन किया जा रहा है। इससे बोर्ड को पता रहेगा कि वास्तव में कितने भक्त दर्शन के लिए आ रहे हैं। वे दिन के अनुसार इसकी एक समय सीमा तय की है। जिसमें सीमित लोग ही एक दिन में दर्शन कर सकेंगे। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के बाहर से आने वाले तीर्थयात्रियों को कोरोना वायरस परीक्षण प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव होने पर ही उन्हें यात्रा जारी रखने की अनुमति होगी।