19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

सेना उप प्रमुख के बयान से मची हलचल, कहा- 68 प्रतिशत हथियार म्यूजियम में रखने लायक

इस सीनियर आॅफिसर का कहना है कि सेना के 68 प्रतिशत हथियार किसी काम के नहीं हैं और संग्रहालय में रखने लायक हैं।

2 min read
Google source verification
indian army

नई दिल्ली। सेना के सीनियर आॅफिसर ने संसद की स्थाई समिति के सामने बड़ा बयान देकर सबको चौंका दिया है। इस सीनियर आॅफिसर का कहना है कि सेना के 68 प्रतिशत हथियार किसी काम के नहीं हैं और संग्रहालय में रखने लायक हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सेना के लिए बजट में पर्याप्त धन की व्यवस्था नहीं की गई, जिससे सेना के आधुनिकीकरण को धक्का लगा है।

बजट से नाखुश सेना

दरअसल, उन सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल शरदचंद ने संसद की स्टैंडिंग कमेटी के सामने का है कि मेक इन इंडिया के तहत सेना के आधुनिकीकरण के लिए 25 प्रोजेक्ट शुरू किए गए हैं, लकिन पर्याप्त बजट न होने के कारण उनमें से कई को बीच में रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि सेना का 68 प्रतिशत साजोसमान म्यूजियम में रखने लायक है और केवल 24 प्रतिशत सामान ही काम का है। यही नहीं उन्होंने केवल 8 फीसदी सामान को आधुनिकता की श्रेणी में रखा है। जनरल शरदचंद ने कहा कि चालू वित्त वर्ष को लेकर आए बजट ने सेना की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। उन्होंने कहा कि हमले वित्त मंत्री के सामने के आधुनिकीकरण के लिए 37,000 करोड़ रुपए की डिमांड रखी थी, लेकिन हमे बजट में केवल 21,338 करोड़ रुपए ही मिल पाया, जो वास्तव में पर्याप्त नहीं है।

पाक-चीन से खतरा

उधर, सेना की ओर से संसदीय समिति के सामने कहा गया है कि एक ओर जहां चीन व पाकिस्तान लगातार अपना रक्षा बजट बढ़ाते हुए ताकत में इजाफा कर रहा है। वहीं भारत को दो मोर्चे पर खतरा पैदा हो गया है। समिति के सामने बताया कि सीमा पर चीन लगातार अवैध निर्माण कार्यों में लिप्त है और पाकिस्तान की ओर से सीजफायर की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में बजट की कमी के कारण भारतीय सेना पिछड़ रही है। इस दौरान सेना ने डोकलाम विवाद को भी सामने रखा है।