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वीडियोकॉनः 39 हजार करोड़ कर्ज के लिए पीएम मोदी, सुप्रीम कोर्ट और ब्राजील जिम्मेदार

पिछले हफ्ते कर्जदाताओं की अर्जी स्वीकार करने के बाद नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल ने दिवालिया कानून के तहत वीडियोकॉन मामले पर सुनवाई शुरू कर दी है।

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वीडियोकॉनः 39 हजार करोड़ कर्ज के लिए पीएम मोदी, सुप्रीम कोर्ट और ब्राजील जिम्मेदार

नई दिल्ली। हजारों करोड़ के कर्ज में डूबी वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने अपनी खस्ता हालत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सुप्रीम कोर्ट और ब्राजील सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। वीडियोकॉन पर करीब 39 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है। पिछले हफ्ते कर्जदाताओं की अर्जी स्वीकार करने के बाद नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल ने दिवालिया कानून के तहत वीडियोकॉन मामले पर सुनवाई शुरू कर दी है।

...कर्जदारी पर ये है वीडियोकॉन का बयान

वीडियोकॉन ने एक बयान जारी कर अपनी स्थिति खराब होने की वजह बताई है, इसमें कंपनी ने भारत सरकार, सुप्रीम कोर्ट और ब्राजील सरकार के फैसलों को जिम्मेदार ठहराया है।

पीएम मोदीः वीडियोकॉन का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लिए गए नोटबंदी के फैसले से कैथोड रे ट्यूब की सप्लाई बंद हो गई और टेलीविजन बिजनेस ठप हो गया।

सुप्रीम कोर्टः कंपनी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट द्वारा लाइसेंस निरस्त किए जाने के चलते टेलिकम्युनिकेशन का कारोबार रूक गया।

ब्राजील सरकारः वीडियोकॉन का कहना है कि ब्राजील में रेड टेप की वजह से गैस और तेल का कारोबार प्रभावित हुआ है।

96 फीसदी गिर गई शेयर वैल्यू

गौरतलब है कि इन दिनों वीडियोकॉन भयंकर खस्ता हाल से गुजर रही है। पिछले पांच सालों में कंपनी के शेयर में जबर्दस्त गिरावट दर्ज की गई। इस अवधि में कंपनी के शेयरों की कीमत घटकर महज 7.56 रुपए के रह गई और अब कंपनी दिवालिया होने की कगार पर खड़ी है।

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कर्जदाताओं में SBI-ICICI बैंक भी शामिल

प्राप्त जानकारी के मुताबिक वीडियोकॉन को कर्ज देने वालों में भारतीय स्टेट बैंक और ICICI बैंक जैसी संस्थाएं शामिल भी शामिल हैं। ICICI बैंक ने वीडियोकॉन को 3,250 करोड़ रुपए का लोन वर्ष 2012 में दिया था, जिसमें से 2,810 करोड़ रुपए नहीं लौटाए गए। बैंक ने वर्ष 2017 में इसे एनपीए घोषित कर दिया था। गौरतलब है कि इस मामले में चंदा कोचर के खिलाफ भी जांच चल रही है। उन पर आरोप है कि उन्होंने पद का दुरुपयोग करते हुए लोन देकर निजी लाभ उठाया। उन पर हितों के टकराव के तहत मामले की जांच की जा रही है। आरोप है कि वीडियोकॉन को लोन के रूप में दिया गया पैसा अप्रत्यक्ष रूप से चंदा के पति की कंपनी न्यू पावर को मिला है।

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