
देश में कोरोना लॉकडाउन के कारण कई नई चीजें सामने आई हैं। ज्यादातर कामों के लिए तकनीक का सहारा लिया जाना शुरू किया गया है। यहां तक कि मंत्रालयों की बड़ी बैठकें भी वर्चुअल होने लगी हैं। इसी को देखते हुए अब दिल्ली में ट्रैफिक चालान के लिए दो वर्चुअल कोर्ट बनाए गए हैं। बुधवार को इनकी शुरुआत की गई थी।
वर्चुअल कोर्ट ने किए 4 हजार से ज्यादा चालान
खास बात यह है कि पहले ही दिन वर्चुअल कोर्ट के खजाने में चालानों से 1 लाख से ऊपर की राशि जमा हो गई है। यह राशि चालान कटने के बाद लोगों ने जुर्माने के रूप में ऑनलाइन जमा करवाई है। जानकारी के अनुसार- 13 मई को शुरू किए गए दो वर्चुअल कोर्ट कीक तरफ से ट्रैफिक के कुल 4341 चालान किए गए। इनमें से अभी तक केवल 111 लोगों ने अपना चालान ऑनलाइन जमा करवाया है। हर चालान की जुर्माना राशि एक हजार रुपए थी। इसके मुताबिक वर्चुअल कोर्ट के खजाने में एक लाख ग्यारह हजार रुपए जमा हुए।
24 घंटे खुला रहेगा वर्चुअल कोर्ट
वर्चुअल कोर्ट के माध्यम से ट्रैफिक पर नजर रखने से एक तरफ जहां कोर्ट का कीमती समय और संसाधानों की बचत हुई, वहीं वही चालान भरने वालों का समय बचता है और भागदौड़ भी नहीं करनी पड़ती। वर्चुअल कोर्ट ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से 24 घंटे काम करती रहेगी। चालान कटने पर किसी भी समय उसे ऑनलाइन भरा जा सकता है। चालान की राशि जमा करवाने के बाद ऑनलाइन रसीद जेनरेट होगी।
CCTV कैमरे के जरिए होगा चालान
ट्रैफिक पर नजर रखने के लिए दिल्ली-एनसीआर में 389 सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। इनकी मदद से, रेड लाइट जंप करने या ओवर स्पीड के मामले में वाहन की तस्वीर वर्चुअल कोर्ट तक पहुंचेगी। जैसे ही चालान कटेगा, संबंधित व्यक्ति के मोबाइल पर इसकी जानकारी आ जाएगी। ऐसे में अगर आप चालान भुगतना चाहते हैं, तो प्ली गिल्टी (अपना अपराध स्वीकार करके) मोबाइल में दिए गए लिंक के माध्यम से चालान का भुगतान किया जा सकता है।
बढ़ाई जाएगी CCTV कैमरों की संख्या
एक रिपोर्ट के अनुसार- दिल्ली-एनसीआर में सीसीटीवी कैमरों की संख्या जल्द बढ़ाई जाएगी। वर्चुअल ट्रैफिक चालान कोर्ट का उद्घाटन सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस चंद्रचूड़ नक की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि- कोविड-19 के बाद से पूरे देश में 17 हजार से ज्यादा कोर्ट को वर्चुअल बनाया गया है। देश में इस समय जहां पर भी कोर्ट काम कर रहा है, उसमें ऑनलाइन माध्यम से सुनवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि- ये दो वर्चुअल कोर्ट 20 जुडिशियल अफसरों का काम करने में सक्षम हैं।
'टेक्नोलॉजी से बेहतर काम'
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि अब सवाल टेक्नोलॉजी को अपनाने या ना अपनाने का नहीं है। बल्कि अब सवाल यह है कि हम टेक्नॉलॉजी के साथ कैसे बेहतर तरीके से काम कर सकते हैं। दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डीएन पटेल ने कहा कि- वर्चुअल कोर्ट से पुलिस और आम आदमी दोनों के लिए अच्छा साबित होगा।
Updated on:
14 May 2020 11:22 am
Published on:
14 May 2020 11:19 am
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