हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी ने हवा से पानी को अलग करने की बात कही थी। इस बात को ध्यान में रखकर बनास डेयरी ने प्रयोग शुरू किया। प्रोजेक्ट के तहत हवा से शुद्ध पानी को अलग करने का कार्य किया जा रहा है। इसके तहत सोलर पावर की सहायता से हवा से भाप को अलग करके उससे पानी निकाला जा रहा है।
सुदूर इलाकों में होगी पानी की समस्या दूर पायलट प्रोजेक्ट के जरिए रोज 120 लीटर शुद्ध पानी निर्मित हो रहा है। यह पानी रेगिस्तान के लोगों के साथ-साथ यहां तैनात जवानों के लिए अमृत समान होगा। प्रयोग सफल रहा तो आगामी दिनों में सुदूर स्थानों पर पानी की समस्या से निजात पाई जा सकेगी।
तकनीकी में थोड़ा और होगा सुधार गुजरात के सीमावर्ती रेगिस्तान में शुद्ध पानी की समस्या के कारण पायलट प्रोजेक्ट में तकनीकी सुधार के साथ बड़े स्तर लागू करने की जरूरत बताई जाती है। पाटण के चारणका में 790 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र के पास प्रोजेक्ट लगाने की योजना है।
नमक मजदूरों को मिलेगी राहत रेगिस्तान में जहां आगरिया (नमक के मजदूर) काम करते हैं, वहां पेयजल की विकट समस्या है। रेगिस्तान में जहां पवन चक्की है वहां टरबाइन की मदद से प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाया जा सकेगा।