हरियाणा की पूर्व हुड्डा सरकार ने अगस्त 2013 में प्रदेश के स्कूलों में कंप्यूटर लगाने तथा विद्यार्थियों को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए आउटसोर्सिंग के आधार पर कंप्यूटर अध्यापक भर्ती करने का ठेका दिया था। तत्कालीन सरकार ने नोएडा की श्रीराम न्यूओरीजन प्राईवेट लिमिटेड, दिल्ली की ट्रांसलाइन प्राईवेट लिमिटेड तथा चंडीगढ़ भूपिंद्रा एसोसिएट्स को हरियाणा के स्कूलों में कंप्यूटर लगाने तथा अध्यापकों को भर्ती करने का ठेका दिया था। जिसके चलते संबंधित कंपनियों ने प्रदेश में 2852 कंप्यूटर शिक्षकों को भर्ती करके विद्यार्थियों को कंप्यूटर प्रशिक्षण प्रदान करना शुरू किया था। बुनियादी ढांचे के अभाव में सरकार की यह योजना सिरे नहीं चढ़ पाई और संबंधित कंपनियों ने कंप्यूटर शिक्षकों को दिए जाने वाले वेतन एवं भत्तों की अदायगी पर रोक लगा दी। इस विवाद के चलते 19 जनवरी 2015 को संबंधित अस्थाई कंप्यूटर टीचर सडक़ों पर उतर आए और कंपनी तथा सरकार के खिलाफ संघर्ष शुरू कर दिया। इस बीच सरकार ने बीती 22 मार्च को तीनों कंपनियों का अनुबंध रद्द कर दिया था। जिसके चलते कंप्यूटर शिक्षकों की सेवाएं भी बंद हो गई। इसके बाद से कंप्यूटर टीचर लगातार संघर्ष कर रहे हैं।