
वामदल (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली। देश में नए साल की शुरुआत केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन के साथ होगी। नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA), नेेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (NRC), नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) और आर्थिक मंदी के कारण लोगों की बढ़ती परेशानी को लेकर वामदलों ने बृहस्पतिवार को एक सप्ताह के विरोध प्रदर्शन की घोषणा की। यह विरोध-प्रदर्शन आगामी 1 से 7 जनवरी तक चलेगा।
इस संबंध में वामदलों द्वारा एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई। इसमें कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी), कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया, कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी-लेनिनवादी)-लिबरेशन, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक और रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी शामिल हैं।
प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, "वाम दलों ने आगामी 8 जनवरी को सेंट्रल ट्रेड यूनियंस द्वारा बुलाई गई अखिल भारतीय आम हड़ताल के प्रति भी एकजुटता दिखाने के लिए उनके अभियान में शामिल होने पर हामी भरी है।"
इसमें आगे लिखा गया, "वाम दल अपना समर्थन सभी किसानों, कृषि कामगारों के संगठनों और सिविल सोसाइटी के आंदोलनों को भी देते हैं जिन्होंने आगामी 8 जनवरी को ग्रामीण बंद का आह्वान किया है।"
विज्ञप्ति के मुताबिक, " वाम दलों ने देश में सभी राज्यों की अपनी ईकाईयों का मजबूत प्रदर्शन अभियान आयोजित करने के लिए कहा है ताकि CAA-NRC-NPR के जरिये देश के संविधान पर हो रहे हमले का विरोध किया जा सके।"
वाम दलों ने इसके साथ ही भाजपा शासित प्रदेशों विशेषरूप से उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, त्रिपुरा और दिल्ली में शांतिपूर्ण प्रदर्शन में शामिल नागरिकों के ऊपर पुलिस के अत्याचार का विरोध करते हुए पुलिसिया कार्रवाई की कड़ी निंदा की है। इसमें लिखा गया है कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण ढंग से जारी रहेगा।
Updated on:
26 Dec 2019 06:00 pm
Published on:
26 Dec 2019 05:58 pm
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