
ह्यूमन ट्रैफिकिंग को लेकर पश्चिम बंगाल की एनजीओ ने केन्द्र से मांगी मदद।
नई दिल्ली। पूरा देश इन दिनों कोरोना वायरस ( coronavirus ) की चपेट में है। इस महामारी के कारण देश में लॉकडाउन ( Lockdown 3.0 ) लागू है। लॉकडाउन के कारण कई सारी चीजें बंद हैं और आम पब्लिक पर कई तरह की पाबंदियां लगाई गई हैं। इसी बीच पश्चिम बंगाल ( West Bengal ) की NGO ने ट्रैफिकिंग ( Trafficking ) मामले को लेकर केन्द्र सरकार से मदद की गुहार लगाई है। साथ ही तस्करी से निपटने के लिए एक स्पेशल टीम गठन करने का अनुरोध भी किया गया है।
नार्थ बंगाल में ट्रैफिकिंग का मामला काफी बढ़ा
NGO का कहना है कि नार्थ बंगाल के जिलों में चाइल्ड ट्रैफिकिंग का मामला काफी बढ़ गया है। लिहाजा, लॉककडाउन में केन्द्र सरकार इसमें हमारी मदद करे। क्योंकि, लॉकडाउन के कारण कई सारी चीजें बद हैं लिहाजा उन्हें ढूंढने में काफी परेशानी हो रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि नॉर्थ बंगाल के कई जिले नेपाल, भूटान और बांग्लादेश बॉर्डर से सटे हैं। लिहाजा, चाइल्ड और महिला ट्रैफिकिंग के मामले काफी बढ़ गए हैं। NCRB के मुताबिक, साल 2016, 2017, 2018 में चाइल्ड ट्रैफिकिंग के मामल में बंगाल दूसरे स्थान पर रहा है, जबकि मध्य प्रदेश पहले नंबर पर है।
NCRB की रिपोर्ट में चौंकाने वाला आंकड़ा
NCRB की रिपोर्ट में साल 2016, 2017, 2018 में क्रमश: देश में 63,407, 63,349 और 67,134 बचे ट्रैफिकिंग के शिकार हुए हैं। इनमें बंगाल से क्रमश: 8,335, 8,178 और 8,205 बच्चे शामिल हैं। दार्जिलिंग डिस्ट्रिक्ट लीगल ( DDLAF ) के जनरल सेक्रेट्री अमित सरकार ( Amit Sarkar ) का कहना है कि कोरोना वायरस के कारण रेस्क्यू का काम रुक गया है। कई एजेंसियां इस काम में लगी हैं, लेकिन लॉकडाउन के कारण सबकुछ प्रभावित हो गया है। उन्होंने कहा कि दार्जलिंग, कलिपोंग, जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार जिले में काम प्रभावित हो गया है। सरकार का कहना है कि 2018 के बाद से इन इलाकों में ट्रैफिकिंग का मामला कफी बढ़ गया है। अलग-अलग पुलिस स्टेशनों में तकरीबन 100 केस दर्ज हैं। लेकिन, लॉकडाउन के कारण सब कुछ प्रभावित हो गया है।
NLSA को लिखा पत्र
विगत 17 अप्रैल को DDLAF ने इस मामले को लेकर NLSA को पत्र लिखते हुए स्पेशल कोम्बट टीम गठन की मांग की है। सरकार ने कहा कि पश्चिम बंगाल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन (WBCPC) ने DDLAF द्वारा दर्ज की गई शिकायत पर संज्ञान लिया है। लेकिन, यहां कामकाज काफी धीरे-धीरे चलता है। वहीं, लॉकडाउन के कारण लोगों की आय प्रभावित हुई है। लिहाजा, ज्यादातर बच्चों के परिवार वाले इस मामले को आगे बढ़ाने में समर्थ नहीं हैं। मजबूरन इस पूरे मामले को लेकर केन्द्र से मदद की मांग की गई है।
Published on:
05 May 2020 01:59 pm
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