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पश्चिम बंगाल ने जीती रसगुल्ले की लड़ाई, ममता बनर्जी ने कहा- यह मीठी खबर

Published: Nov 14, 2017 02:53:11 pm

Submitted by:

Chandra Prakash

रसगुल्ले के लिए लंबे समय से चल रही लड़ाई में पश्चिम बंगाल की जीत हो गई है। सरकार को रसगुल्ले के लिए भौगोलिक पहचान (जीआई) टैग मिल गया है।

Rosogolla
नई दिल्ली। रसगुल्ले की मिठास के दिवानों के लिए पश्चिम बंगाल से एक अच्छी खबर आई है। रसगुल्ले के लिए लंबे समय से चल रही लड़ाई में पश्चिम बंगाल की जीत हो गई है। खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। ममता ने ट्विटर पर लिखा है कि हम सभी के लिए एक मीठी खबर है।

विश्व स्तर पर पेश होगा रसगुल्ला
मंगलवार को पश्चिम बंगाल सरकार को रसगुल्ले के लिए भौगोलिक पहचान (जीआई) टैग मिल गया है। जीआई टैग मिलने से पश्चिम बंगाल में रसगुल्ला बनाने वालों को फायदा मिलने की उम्मीद है। रसगुल्ले को सीएम ममता बनर्जी विश्व स्तर पर राज्य की पहचान के रुप में पेश करना चाहती हैं।
https://twitter.com/hashtag/Bengal?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw
ममता ने कहा- यह एक मीठी खबर
रसगुल्ले को जीआई टैग मिलने पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्विटर पर लिखा है कि हम सभी के लिए एक मीठी खबर है। पश्चिम बंगाल को रसगुल्ले के लिए जीआई टैग मिलने पर हम सब बेहद खुश और गौरवान्ति महसूस कर रहे हैं।

1868 में पश्चिम बंगाल में बना पहला रसगुल्ला
दरअसल पश्चिम बंगाल और ओडिशा के बीच रसगुल्ले को लेकर काफी समय से बहस चल रही थी। सवाल यह था कि रसगुल्ले का ईजाद कहां हुआ है। पश्चिम बंगाल के मंत्री का कहना था कि सरकार भी ऐतिहासिक तथ्यों का ही आधार ले रही है। उनका मानना है कि रसगुल्ले का ईजाद पहली बार बंगाल में हुआ। क्योंकि, बंगाल के विख्यात मिठाई निर्माता नबीन चंद्र दास ने 1868 में पहले-पहल रसगुल्ला बनाया था। इसीलिए हम ओडिशा को रसगुल्ले की ईजाद का क्रेडिट लेने नहीं देंगे। इसलिए हमने फैसला किया है कि हम इस मामले को अब कोर्ट तक लेकर जाएंगे। अब इस मसले पर कोर्ट ही कुछ फैसला देगी।

ओडिशा ने कहा- 600 साल पहले हमारे राज्य में बना
यह मामला तब सुर्खियों में आया जब साल 2015 में ओडिशा के विज्ञान एवं तकनीक मंत्री प्रदीप कुमार पाणिग्रही ने मीडिया के सामने दावा किया कि रसगुल्ला ओडिशा राज्य में तकरीबन 600 साल पहले से मौजूद है। उन्होंने इसका आधार भी बताते हुए इसे भगवाना जगन्नाथ के प्रसाद ‘खीर मोहन’ से जोड़ा। उन्होंने कहा कि रसगुल्ला पहली बार ओडिशा में ही बना था।

रसगुल्ले को लेकर बढ़ गई कड़वाहट
इस बयान के बाद से ही दोनों राज्यों के बीच में रसगुल्ले की मिठास कड़वाहट में बदल गई। यहां गौर करने वाली बात ये भी है कि ओडिशा सरकार ने साल 2015 में ही भुवनेश्वर में एक प्रदर्शनी का आयोजन किया था। वहीं रसगुल्ले को लेकर सरकार द्वारा सोशल मीडिया पर अभियान भी चलाया जा रहा था।
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