
नई दिल्ली।
देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) पर लगाम कसने के लिए टीकाकरण अभियान तेजी से चलाया जा रहा है। तीसरे लहर की आशंका को देखते हुए लोग भी टीका लगवाने के लिए आगे आ रहे हैं। सरकार ने गत 21 जून से देशभर निशुल्क टीकाकरण शुरू कर दिया है। इन सभी के बीच, टीकाकरण तेज होने के साथ-साथ कई जगह नकली टीके लगाए जाने की शिकायतें भी आनी शुरू हो गई हैं।
कोरोना वायरस के नकली टीके की शिकायतें मिलने के बाद सरकारी महकमा हरकत में आ गया है। वहीं, इससे बचने के लिए जरूरी है कि नकली टीकाकरण केंद्र और नकली टीकों की पहचान की जाए। इसके लिए सबसे पहले यह सावधानी बरतें कि जो सेंटर कोविन पोर्टल पर रजिस्टर नहीं हैं, वहां टीका लगवाने नहीं जाएं।
नकली टीकाकरण केंद्र से जुड़ी शिकायत देशभर से आ रही हैं। कई राज्यों में नकली वैक्सीन लगा रहे गिरोहों को पकड़ा गया है। यही नहीं नकली वैक्सीन लगवाने के बाद कई लोगों के बीमार होने के मामले भी सामने आए हैं। इससे लोगों में डर बना हुआ है कि जो वैक्सीन वे लगवा रहे हैं, वह सही है या नहीं और कहीं यह उनके लिए जानलेवा तो साबित नहीं होगी।
असल में हम आपको कुछ आसान टिप्स दे रहे हैं, जिससे आप नकली और असली टीकाकरण केंद्र और टीकों की पहचान आसानी से कर सकेंगे और अपने साथ बड़ा फर्जीवाड़ा होने से रोक भी सकेंगे। यदि ग्रुप में टीका लगवाने के लिए सोसाइटी या ऑफिस वैक्सीन कैंप लगवाने पर विचार कर रही है तो सबसे पहले रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों और पुलिस प्रशासन को इसकी जानकारी दें। उनकी सहमति मिलने के बाद ही इस पर आगे बढऩा चाहिए। इससे जांच-पड़ताल की जिम्मेदारी से आप बच जाएंगे। मगर जागरूक रहने की जरूरत आपको आगे भी होगी।
क्या सावधानी बरतें-
Updated on:
29 Jun 2021 02:39 pm
Published on:
29 Jun 2021 02:31 pm
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