
नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना के लापता AN-32 विमान का मलबा मंगलवार को सर्च ऑपरेशन के दौरान अरुणाचल प्रदेश के लिपो इलाके में मिला है। विमान के बाकी मलबे की तलाशी के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। वायुसेना और सेना की ओर से चलाए जा रहे इन प्रयासों के बावजूद विमान का पता नहीं लग सका है और ना ही उसमें सवार 13 लोगों से जुड़ी कोई जानकारी सामने आ सकी है। आइए जानते हैं वायुसेना AN-32 विमान को किस तरह खोज रही है और इसमें क्या दिक्कते आ रही हैं:
इन एडवांस्ड एयरक्राफ्ट से की गई खोजबीन
भारतीय वायुसेना ने लापता AN-32 विमान की खोज के लिए कई तरह के हाईटेक और एडवांस्ड विमान लगाए हैं। इनमें C-130J विमान, SU-30MKI लड़ाकू विमान, भारतीय नौसेना के P8i लंबी दूरी के विमान, उन्नत लाइट हेलीकॉप्टर (ALH), Mi-17 हेलीकॉप्टर और चीता हेलीकॉप्टर शामिल हैं।
P8i और SU-30 विमानों में पावर रडार लगे हैं जो घने जंगलों वाले इलाकों में गहराई से खोजने में मदद करते हैं। इसके अलावा P8i में सिंथेटिक एपर्चर रडार और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल और इंफ्रारेड (EO & IR) सेंसर लगे हैं।
सैटेलाइट फोटोग्राफी का भी इस्तेमाल
लापता विमान की लोकेशन का पता लगाने के लिए सैटेलाइट फोटोग्राफी का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। कार्टोसैट और रिसॉट जैसे उपग्रह उन जगहों की तस्वीरें ले रहे हैं जहां विमान के खोने या क्रैश होने की संभावना जताई जा रही है।
विमान का पता लगाने के लिए भारतीय वायुसेना ने सेना, असम राइफल्स और अरुणाचल पुलिस के पैदल गश्ती दलों के साथ यूएवी (ड्रोन जैसा मानवरहित विमान) को भी तैनात किया है। यही नहीं स्थानीय लोगों की मदद से भी तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। इसके अलावा इंडियन एयर फोर्स ने लापता AN-32 विमान की किसी भी तरह की जानकारी देने वाले को 5 लाख रुपए के इनाम की घोषणा भी की है।
खोज में लगाए गए इतने विमान
लापता AN-32 विमान की खोजबीन में चार एमआई -17 हेलीकॉप्टर, तीन ALH (सेना के दो, वायुसेना में से एक), 2 SU-30 एमकेआई, एक C-130 जे, दो चीता हेलीकॉप्टर, एक यूएवी और एक P8i शामिल हैं।
खोजने में आ रही हैं ये दिक्कतें
1. विमान का पता लगाने में वायुसेना लगातार प्रयास कर रही है। सर्च ऑपरेशन जारी है। लेकिन विमान को खोजने में दो चीजें सबसे ज्यादा परेशानी पैदा कर रही हैं। इनमें सबसे प्रमुख है खोजबीन में लगाए गए विमानों के दुर्घटनाग्रस्त होने की संभावना है। इसके अलावा जहां सर्च ऑपरेशान चलाया जा रहा है वहां घने जंगल हैं, जिस वजह से विमान को खोजना आसान नहीं।
2. इस इलाके में इतने ज्यादा घने जंगल हैं कि दूसरे विश्व युद्ध के दौरान पश्चिम बंगाल से चीन की ओर वापस जाते समय एक विमान यहीं पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। उसके मलबे अभी भी नियमित अंतराल मिलते रहते है।
Updated on:
11 Jun 2019 07:45 pm
Published on:
11 Jun 2019 07:12 pm
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