23 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

क्या है राइट टू प्राइवेसी, क्यों है आपके लिए अहम ?

Aहमारे देश में अक्सर कहा जाता है कि कोई व्यक्ति अपने घर में क्या करता है, क्या खाता है, उसे क्या पसंद है..इसका चयन करना उसका निजी अधिकार है।

2 min read
Google source verification

image

Chandra Prakash Chourasia

Aug 24, 2017

नई दिल्ली। हमारे देश में अक्सर कहा जाता है कि कोई व्यक्ति अपने घर में क्या करता है, क्या खाता है, उसे क्या पसंद है..इसका चयन करना उसका निजी अधिकार है। वह चाहे तो आपको अपनी बारे बताएगा नहीं चाहता तो नहीं बताएगा। यह उसका निजी अधिकार है। हर कोई अपने घर का राजा होता है। लेकिन इस मुद्दे पर संविधान कुछ और ही कहता है।

क्या कहता है संविधान
संविधान में निजता के अधिकार का सीधा कोई उल्लेख नहीं है। लेकिन अनुच्छेद 21 में इसके व्यावहारिक रुप को शामिल किया गया है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 में कहा गया है कि "किसी भी व्यक्ति को कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार अपने जीवन या निजी स्वतंत्रता से वंचित नहीं किया जाएगा"। अनुच्छेद 21 को पढ़ने के बाद दी गई व्याख्या में 'जीवन' शब्द की व्याख्या में जीवन के सभी पहलुओं को शामिल किया गया है।

आसान शब्दों में
सम्मान से जीव को अधिकार का एक हिस्सा ही माना गया है यानि अगर कानूनी आनिवार्यता नहीं हो और तरीका कानूनी न अपनाया जाए तो सरकार अपनी निजता का हनन नहीं कर सकती है।


भारतीय संविधान बिल में उठा था मुद्दा
निजता का अधिकार यानी Right to Privacy पर देश में एकबार फिर बहस छिड़ी हुई है। आजादी से पहले भी देश में इस विषय पर बहस होता रहा है। 1895 में लगाए गए भारतीय संविधान बिल में भी निजता के अधिकार की जमकर वकालत की गई थी। इस बिल में कहा गया था कि 'हर व्यक्ति का घर उसकी शरणस्थली होता है और सरकार बिना किसी ठोस कारण और उचित कानूनी अनुमति के उसमें नहीं घुस सकती है।'

अंबेडकर और गांधी की राय
1925 में महात्मा गांधी की सदस्यता वाली समिति ने 'कॉमनवेल्थ ऑफ इंडिया बिल' में भी निजता के अधिकार पर जोर दिया था। 1947 में बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर मे भी कहा कि लोगों को अपनी निजता का अधिकार है। इसका उल्लंघन कतरे से रोकने के लिए कड़े मापदंड बनाने होंगे।


अमरीका में सुप्रीम कोर्ट ने दिखाई सख्ती
बात अगर दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्क अमरीका की करें तो, वहां के संविधान में भी निजता को कानूनी मान्यता नहीं है, लेकिन वहां की सुप्रीम कोर्ट ने कई संशोधनों के बाद यह तय किया कि अमरीका की Right to Privacy का मजूद बना हुआ है।







ये भी पढ़ें

image

बड़ी खबरें

View All

विविध भारत

ट्रेंडिंग