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कैसे काम करती है NIA और क्यों इसका तरीका है CBI से अलग

सीबीआई का गठन 1963 में जबकि एनआईए का 2009 में किया गया था। सीबीआई भारत सरकार की एक आपराधिक जांच एजेंसी है। एनआईए मुख्य रूप से आतंकवाद से निपटने के लिए गठित की गई थी।

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What NIA does and how it's job is different from CBI

What NIA does and how it's job is different from CBI

नई दिल्ली। देश की दो प्रमुख जांच एजेंसी यानी सीबीआई और एनआईए को लेकर अक्सर लोग कंफ्यूज हो जाते हैं और इनके बीच अंतर ( difference between NIA and CBI ) नहीं कर पाते हैं। ऐसे में आज हम आपको इन दोनों केंद्रीय जांच एजेंसियों के बीच मौजूद अंतर की पूरी जानकारी देने जा रहे हैं। सीबीआई का मतलब है केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानी सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन, जबकि एनआईए यानी नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी या राष्ट्रीय जांच एजेंसी होता है। CBI और NIA दोनों ही भारत सरकार की जांच एजेंसियां हैं। जहां सीबीआई एक आपराधिक जांच एजेंसी है, एनआईए का गठन आतंकवाद से निपटने के मुख्य उद्देश्य के साथ किया गया था।

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राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए को पिछले दशक में 2008 में मुंबई आतंकी हमलों के बाद 2009 में गठित किया गया था। इस हमले के बाद भारत ने आतंकवाद से निपटने के लिए एक एजेंसी की जरूरत महसूस की थी, जिसके कारण इसका गठन हुआ। वहीं, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो का गठन 1963 में आदर्श वाक्य 'उद्योग, निष्पक्षता, अखंडता' के साथ किया गया था।

सीबीआई की उत्पत्ति के बारे में विशेष पुलिस प्रतिष्ठान से पता लगाया जा सकता है। जबकि एनआईए का गठन एनआईए अधिनियम, 2008 के परिणामस्वरूप किया गया था। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो और राष्ट्रीय जांच एजेंसी के काम अलग-अलग हैं। सीबीआई मुख्य रूप से देश में अपराधों की जांच से संबंधित है जैसे कि लोक सेवकों द्वारा भ्रष्टाचार, वित्तीय धोखाधड़ी, बैंक धोखाधड़ी, आयात और निर्यात उल्लंघन, तस्करी, सनसनीखेज हत्याकांड, अपहरण, आपराधिक अंडरवर्ल्ड और बम विस्फोट आदि।

वहीं, राष्ट्रीय जांच एजेंसी आमतौर पर आतंकवाद का मुकाबला करने से संबंधित है। हालांकि इस भूमिका के अलावा, एनआईए मानव तस्करी, जाली मुद्रा, नशीले पदार्थों, अपहरण, संगठित अपराध, WMD अधिनियम के उल्लंघन और परमाणु ऊर्जा अधिनियम से संबंधित अपराधों को भी देखता है।

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जांच को गति देने के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो को तीन हिस्सों में विभाजित किया गया है। ये एंटी करप्शन डिवीजन, इकोनॉमिक क्राइम्स डिविजन और स्पेशल क्राइम्स डिविजन हैं। इसके साथ ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी को भी तीन हिस्सों में विभाजित किया गया है, जिनमें इंवेस्टिगेशन डिविजन, पॉलिसी रिसर्च एंड कोऑर्डिनेशन डिविजन और एडमिनिस्ट्रेटिव डिविजन शामिल हैं।

एनआईए का मुख्यालय नई दिल्ली में है, जबकि इसकी शाखाएं हैदराबाद, गुवाहाटी, कोच्चि, लखनऊ, मुंबई, कोलकाता, रायपुर और जम्मू में हैं। एजेंसी एनआईए मोस्ट वांटेड लिस्ट भी तैयार करती है। एनआईए की प्रमुख उपलब्धियों में 2012 में इंटरपोल और सऊदी इंटेलीजेंस की मदद से अबु हमजा उर्फ अबु जुंदाल, फसीह मोहम्मद और यासीन भटकल जैसे आतंकियों की गिरफ्तारी, 2013 में असदुल्लाह अख्तर उर्फ हड्डी की नेपाल सीमा पर गिरफ्तारी शामिल है।

इसके अलावा 2014 में जमात-उल-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश नामक प्रतिबंधित बांग्लादेशी आतंकी संगठन की साजिश की जांच के बाद अब तक 20 की गिरफ्तारी और 27 आरोपियों का इस साजिश में शामिल होने का पता लगाया है, जिनमें पांच बांग्लादेशी नागरिक भी शामिल हैं।

वहीं, जम्मू एवं कश्मीर में आतंक विरोधी लड़ाई में जनवरी 2018 में एनआईए ने लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद और हिजबुल मुजाहिद्दीन के सरगना सैय्यद सलाहुद्दीन समेत 12 के खिलाफ चार्जशीट फाइल की थी। जबकि सीबीआई द्वारा हल किए गए कई हाई प्रोफाइल मामलों में भंवरी देवी हत्या, सत्यम स्कैंडल, सिस्टम अभय हत्या और आईएनएक्स मीडिया जैसे मामले शामिल हैं।