
Hizbul Mujahideen commander Death
नई दिल्ली। खूंखार आतंकी हिज्बुल मुजाहिद्दीन कमाडंर (Hizbul Mujahideen Commander) रियाज नायकू (Riyaz Naikoo) को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा एनकाउंटर (Pulwama Encounter) में सेना की ओर से मार गिराए जाने की खबर सामने आ रही है। बताया जाता है कि वह अपने पैतृक गांव लौटा था, तभी सेना ने उसे घेर लिया। सेना (Indian Army) ने रियाज पर 12 लाख रुपए का इनाम भी रखा था। आतंकी संगठन का बादशाह बनने से पहले वह एक टीचर था। तो आखिरकार कलम छोड़कर कैसे रियाज नायकू बना आतंकवादी आइए जानते हैं।
पेंटिंग का रखता है शौक
रियाज नाइकू जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के बेगपोरा का रहने वाला है। वह हिजबुल मुजाहिदीन का शीर्ष कमांडर है। Riyaz Naikoo पहले एक स्थानीय स्कूल में बच्चों को गणित पढ़ाता था। उसे पेंटिंग का बहुत शौक है। वह फूलों की चित्रकारी करना पसंद करता था, लेकिन 33 साल की उम्र में उसे पढ़ाने का काम छोड़कर बंदूक उठा ली।
कैसे बना हिजबुल का कमांडर
जुलाई 2016 को अनंतनाग जिले के कोकरनाग इलाके में पोस्टर बॉय और कमांडर बुरहान वानी की सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ हुई थी। इस दौरान दोनों के मारे जाने के बाद रियाज नाइकू को हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
हिज्जबुल को टूटने से बचाने में की थी मदद
Riyaz Naikoo से पहले जाकिर मूसा हिज्बुल को संभालता था, लेकिन 2017 में मूसा अलग हो गया। उसने Ansar Ghazwatul Hind नामक अलग संगठन बना लिया। मूसा के अलग होने के बाद Riyaz Naikoo ने ही हिज्बुल को टूटने से बचाया था।
Published on:
06 May 2020 02:19 pm
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