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Coronavirus फैलाने व छिपाने वाले को मिलेगी उम्रकैद की सजा व तीन लाख जुर्माना, जानिए क्या UP सरकार का नया अध्यादेश

Highglighs -कोरोना की संख्या में लगातार बढ़ोतरी होते देख उत्तर प्रदेश की सरकारी ने बड़ा कदम उठाया है- प्रदेश की सरकार ने जन स्वास्थ्य एवं महामारी नियंत्रण अध्यादेश, 2020 को मंजूरी दे दी-अध्यादेश में प्रावधान है कि अगर किसी व्यक्ति की मौत जानबूझकर कोरोना वायरस फैलाने के कारण होती है तो जिम्मेदार व्यक्ति को अधिकतम उम्र कैद की सजा का प्रावधान है

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Coronavirus फैलाने व छिपाने वाले को मिलेगी उम्रकैद की सजा व तीन लाख जुर्माना, जानिए क्या सरकार का नया अध्यादेश

Coronavirus फैलाने व छिपाने वाले को मिलेगी उम्रकैद की सजा व तीन लाख जुर्माना, जानिए क्या सरकार का नया अध्यादेश

नई दिल्ली. दुनिया वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (Coronavirus Outbreak) के कहर से लगातार जूझ रही है। इस वायरस से मरने वालों की संख्या दो लाख 58 हजार से ज्यादा हो गई है और संक्रमितों की संख्या 37 लाख 27 हजार से ज्यादा हो गई है। जबकि 12 लाख 42 हजार से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं। कोरोना की संख्या में लगातार बढ़ोतरी होते देख उत्तर प्रदेश की सरकारी ने बड़ा कदम उठाया है। प्रदेश की सरकार ने जन स्वास्थ्य एवं महामारी नियंत्रण अध्यादेश, 2020 को मंजूरी दे दी। अध्यादेश में प्रावधान है कि अगर किसी व्यक्ति की मौत जानबूझकर कोरोना वायरस फैलाने के कारण होती है तो जिम्मेदार व्यक्ति को अधिकतम उम्र कैद की सजा का प्रावधान है। यानी जानबूझकर कोरोनावायरस फैलाने वालों की खैर नहीं होगी। माना जा रहा है यह अध्यादेश जल्द ही पूरे देश में भी लागू होगी।

जानिए क्या कहा गया है इस अध्यादेश में

‘जानबूझकर विपत्ति के लिए सजा’ पर अध्यादेश की धारा 24 में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति जो ‘जानबूझकर’ किसी अन्य व्यक्ति को कोरोना जैसी महामारी बीमारी से फैलाता है तोउसे 2-5 साल के कठोर कारावास से दंडित किया जाएगा। अध्यादेश की धारा 25 ‘सामूहिक विपत्ति’ को पांच या अधिक व्यक्तियों को संक्रमित करने के रूप में परिभाषित करती है।

तीन लाख रुपए जुर्माना

धारा 26 में कहा गया है कि धारा 24 और 25 के तहत जो कोई भी मृत्यु का कारण बनता है, उसे कठोर कारावास की सजा दी जाएगी, जो सात वर्ष से कम नहीं होगी, लेकिन आजीवन कारावास तक हो सकती है। इसके अलावा तीन लाख रुपए से पांच लाख रुपए तक जुर्माना भी देना होगा। संपर्क करने पर राज्य के मुख्य सचिव आरके तिवारी ने कहा कि ‘जानबूझकर यहां वैसा ही है जैसा कानूनी शब्दों में परिभाषित किया गया है।

वायरस छिपाने पर एक लाख तक जुर्माना

प्रस्तावित कानून के तहत सजा को विभिन्न से परिभाषित किया गया है, जिसमें ‘छिपाना’ और ‘यात्रा के लिए लोगों द्वारा सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल’ शामिल है। इन दोनों अपराधों के लिए एक से तीन साल की सजा का प्रावधान है और पचास हजार से एक लाख रुपए तक का जुर्माना है। अध्यादेश की धारा 30 में रेखांकित किया गया है कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) में कुछ भी होने के बावजूद इस अध्यादेश के तहत सभी अपराध हस्तक्षेप-योग्य और गैर-जमानती होंगे।