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5 गैर भाजपा शासित राज्यों में लॉन्च नहीं हुई दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ स्कीम, ये है वजह

पीएम मोदी ने बताया कि ये दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना है।

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5 गैर भाजपा शासित राज्यों में लॉन्च नहीं हुई दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ स्कीम, ये है वजह

नई दिल्ली। दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ स्कीम लॉन्च हो गई है। रविवार को झारखंड की राजधानी रांची से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस महत्तवकांक्षी योजना को देश के सामने रखा। आयुष्‍मान भारत स्‍कीम के तहत देश के 10 करोड़ परिवारों को 5 लाख रुपये तक के फ्री हेल्थ इंश्योरेंस की सुविधा दी जाएगी। पीएम मोदी ने बताया कि, 'ये दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना है, इस योजना से यूरोप से भी बड़ी आबादी को फायदा पहुंचेगा'। प्रधानमंत्री ने कहा, 'ये योजना कितनी व्यापक है इसका अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसमें कैंसर, दिल की बीमारी, किडनी और लीवर की बीमारी, डायबटीज समेत 1300 से अधिक बीमारियों का उपचार शामिल है। केंद्र सरकार का कहना है कि इस योजना के तहत इलाज देश के किसी भी सरकारी या प्राइवेट अस्पताल में कैशलेस इलाज कराया जा सकेगा। आप को बता दें कि लॉन्चिंग से पहले सरकार ने इस योजना का नाम बदल दिया था। अभी तक आप इस योजना को 'आयुष्मान भारत' के नाम से जानते थे, लेकिन अब इस का नाम बदलकर 'प्रधानमंत्री जन आरोग्य अभियान' कर दिया गया। वैसे ये बड़ी योजना पांच राज्यों में लागू नहीं हुई है।

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पांच राज्यों में लागू नहीं हुई योजना
जिन पांच राज्यों में ये योजना लागू नहीं हुई है, वे राज्य गैर भाजपा शासित राज्य हैं। दिल्ली, पंजाब, ओडिशा, केरल और तेलंगाना में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना को लागू नहीं किया गया है। यहां योजना लागू ना होने का कारण है इन राज्यों ने अभी तक केंद्र सरकार के साथ मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) पर दस्तखत नहीं किए हैं। ये राज्य इसी तरह की खुद की योजना चाहते हैं। केरल और तेलंगाना का कहना है कि हमारे यहां आयुष्मान जैसी योजना पहले से ही है।

क्यों जरूरी थी बीमा कवर योजना
ज्यादातर भारतीय इलाज पर खर्च कर गरीब हो जाते हैं। ब्रिटिश मेडिकल जर्नल की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 5.5 करोड़ लोग सिर्फ इसलिए गरीबी रेखा से नीचे पहुंच गए, क्योंकि उन्हें इलाज में काफी पैसा खर्च करना पड़ा था। इनमें 3.8 करोड़ लोग तो सिर्फ दवाओं पर खर्च करने की वजह से ही मुफलिसी की हालत में पहुंच गए। राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन (एनएसएसओ) के हालिया आंकड़ों के मुताबिक, देश के करीब 85.9 % ग्रामीण और 82 % शहरी परिवारों की हेल्थकेयर इंश्योरेंस तक पहुंच नहीं है। 17 % आबादी कमाई का 10 % इलाज पर खर्च कर देते हैं।


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