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Cyclone Yaas का बढ़ा खतरा, ट्रेनों के पहिये लोहे की मोटी चेन से बांधे

चक्रवाती तूफान यास के पश्चिम बंगाल और ओडिशा में रौद्र रूप दिखाने से पहले पूरी तैयारियां की जा रही हैं। इसमें ट्रेनों के पहियों को लोहे की मोटी-मोटी जंजीरों से पटरियों पर बांधा जा रहा है, ताकि कोई हादसा ना हो।

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Why trains tied with chains in West Bengal amid Cyclone Yaas

Why trains tied with chains in West Bengal amid Cyclone Yaas

कोलकाता। चक्रवाती तूफान यास के खतरे से जूझ रहे देश के पूर्वी तटवर्ती राज्यों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। इस चक्रवाती तूफान यास का सबसे ज्यादा खतरा पश्चिम बंगाल और उत्तरी ओडिशा के तटवर्ती स्थानों पर मंडरा रहा है और मौसम विभाग ने बुधवार को इसके खतरनाक तूफान में परिवर्तित होने की संभावना जाहिर की है।

हालांकि ऐसे में पश्चिम बंगाल से एक ताजा तस्वीर आई है, जिसमें सुरक्षा के उपाय अपनाते हुए भारतीय रेलवे ने पूर्वी मिदनापुर के रेलवे स्टेशन में खड़ीं ट्रेनों के पहिये लोहे की मोटी जंजीर के जरिये पटरियों से बांध दिए हैं। इस तस्वीर को देखने के बाद सोशल मीडिया पर यूजर्स ने जमकर मजाक उड़ाया है।

चक्रवाती तूफान यास के खतरे का आलम यह है कि पश्चिम बंगाल में कोलकाता हवाई अड्डे पर बुधवार यानी 26 जनवरी सुबह से लेकर शाम पौने आठ बजे तक की सभी उड़ानों को रोक दिया गया है। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी सुरक्षा उपायों की समीक्षा कर रहे हैं।

मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि चक्रवाती तूफान यास तटवर्ती इलाकों में 2 से 4 मीटर ऊंची लहरों के उठने का कारण बनेगा। इसके साथ ही इस दौरान 155 से 165 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से बेहद तेज हवाएं चल सकती हैं और आशंका जाहिर की गई है कि यह 185 किलोमीटर प्रतिघंटा तक भी पहुंच सकती हैं।

वहीं, रेलवे ने मौसम विज्ञान विभाग द्वारा जारी अलर्ट को गंभीरता से लेते हुए एहतियातन सारे उपाय अपनाए हैं। इनमें रेलगाड़ियों के पहियों को लोहे की मोटी-मोटी जंजीर के जरिये पटरियों से बांधना भी शामिल है। इसके साथ ही रेलवे ने पटरियों पर लोहे के स्टॉपर भी लगाए हैं, ताकि दोहरी सुरक्षा बनी रहे और कोई हादसा ना होने पाए।

बताया जा रहा है कि चक्रवाती तूफान यास के बेहद ज्यादा गंभीर तूफान में बदलने पर ट्रेनों को भी अपने चपेट में लेने की आशंका है। जिससे बचने के लिए रेलवे ने ये उपाय अपनाए हैं। इससे पहले बीते साल आए चक्रवाती तूफान अंफान के दौरान भी हावड़ा में रेलगाड़ियों को पटरियों से बांध दिया गया था और एहतियात बरती गई थी।