scriptअंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला किसान संभालेंगी आंदोलन की बागडोर, हाथों में रचवाएंगी इंकलाबी मेहंदी | Women farmers will take over the reins of the movement on Internationa | Patrika News

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला किसान संभालेंगी आंदोलन की बागडोर, हाथों में रचवाएंगी इंकलाबी मेहंदी

Published: Mar 07, 2021 08:28:18 am

Submitted by:

Ashutosh Pathak

Highlights.- बीते तीन महीने से भी अधिक समय से दिल्ली की सीमाओं पर जारी है किसान आंदोलन – किसान अपनी मांगों से पीछे हटने को तैयार नहीं, सरकार भी अपने फैसले पर कायम है – महिला किसान 8 मार्च को इंकलाबी मेहंदी रचवाकर पूरे आंदोलन का नेतृत्व करेंगी
 

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नई दिल्ली।

तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान बीते तीन महीने से भी अधिक समय से दिल्ली की सीमाओं पर डटे है। वे अपनी मांगों से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। वहीं, सरकार भी अपने फैसले पर दृढ़ है। इन सबके बीच, किसान अब अनोखा आंदोलन करना जा रहे हैं। 8 मार्च को महिला अंतरराष्ट्रीय दिवस है। इस मौके पर पूरे आदंोलन की कमान महिला किसान संभालेंगी। महिलाएं इस दिन अनूठा प्रदर्शन भी करेंगी। यह पूरा दिन नारी शक्ति को लेकर समर्पित रहेगा। दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे आंदोलन में ज्यादा से ज्यादा महिलाएं पहुंचे, इसके लिए मोबाइल से संदेश भी भेजा जा रहा है।
दिल्ली की गाजीपुर सीमा पर विरोध में बैठी महिलाओं की बैठक हुई। इसमें उन्होने तय किया कि महिला दिवस के दिन वे हाथों में मेहंदी रचाकर विरोध-प्रदर्शन में शामिल होंगी। महिलाओं का कहना है कि यह कोई सामान्य मेहंदी नहीं बल्कि, इंकलाबी मेहंदी होगी।
क्या होगा इंकलाबी मेहंदी में
आंदोलन में शामिल महिला किसान अपने हाथों में जो इंकलाबी मेहंदी रचाएंगी, उसमें वे कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे नारे और स्लोगन लिखवाएंगी। इसके अलावा, फसल, खेत, किसानों के संघर्ष, कृषि उपकरण जैसे हल, फरसा, टै्रक्टर आदि के चित्र मेहंदी से बनवाएंगी।
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मंच भी महिलाएं संभालेंगी
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस यानी 8 मार्च को होने वाले अनूठे किसान आंदोलन की रूपरेखा रवनीत कौर तैयार कर रही हैं। रवनीत के मुताबिक, इस अवसर महिला किसानों को विशेष सम्मान देने के साथ-साथ इस पूरे आंदोलन को मजबूत करने के लिए भी जरूरी प्रयास किए जाएंगे। इस दिन महिलाएं ही गाजीपुर और सिंधु-टीकरी सीमा पर आंदोलन का मंच संभालेंगी। महिला किसान भाषण के जरिए अपनी बात रखेंगी और आंदोलन में महिलाएं ही वालंटियर भी बनेंगी।
मैसेज भेज महिला किसानों को किया जा रहा एकत्रित
रवनीत कौर के मुताबिक, यह पहली बार नहीं है, जब महिलाएं किसान आंदोलन की कमान अपने हाथों में ले रही हैं। इसी आंदोलन में पहले भी ऐसा कुछ हो चुका है। बीते 18 जनवरी को महिला किसान दिवस था। इस दिन भी आंदोलन में महिलाओं को ही बहुत सारी जिम्मेदारियां दी गई थीं। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन और बड़ा कुछ करने की तैयारी की जा रही है, जिससे सभी तक हमारी बात पहुंचे। इस अनूठे आंदोलन के दौरान ज्यादा से ज्यादा महिला किसानों को दिल्ली की सीमाओं पर बुलाने की तैयारी हो रही है। इसके लिए मोबाइल से भी संदेश भेजे जा रहे हैं, जिससे महिला किसान मंच पर पहुंचें।
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पूरे दिन के लिए कुछ और भी योजनाएं
वहीं, अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के पूरे दिन के लिए कुछ और भी योजनाएं बनाई गई हैं। इसमें कई महिला किसानों को मंच पर बुलाकर सम्मानित भी किया जाएगा। किसान आंदोलन के अतिरिक्त खेतों में किए गए उनके बेहतर कार्यों के लिए भी प्रोत्साहित व सम्मानित किया जाएगा। कुछ महिलाएं मंच पर आकर अपने अनुभव भी साझा करेंगी, जिससे यह दूसरी महिला किसानों के लिए प्रेरणा बने।
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