
World Environment Day 2021 India will have the largest green railway before 2030
नई दिल्ली। हर वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस ( World Environment Day 2021 ) मनाया जाता है। दुनिया के साथ-साथ भारत भी पर्यावरण संरक्षण के लिए तेजी से काम कर रहा है। फिर चाहे वो धरती हो, जल हो या फिर वायु हर मोर्चे पर पर्यावरण को बचाने के लिए हर संभव कोशिशें की जा रही हैं। इसी कड़ी में भारतीय रेलवे ( Indian Railways ) भी पीछे नहीं है।
भारत में दुनिया की सबसे बड़ी हरित रेलवे पर तेजी से काम हो रहा है। भारतीय रेलवे के मुताबिक दुनिया की सबसे बड़ी हरित रेलवे के लक्ष्य को पूरा करने के लिए मिशन मोड में काम चल रहा है।
रेलवे ने रखा 2030 तक का लक्ष्य
भारतीय रेलवे ने दुनिया की सबसे बड़ी हरित रेलवे के लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक समय भी निर्धारित किया है। रेलवे के मुताबिक इस दशक के अंत तक यानी 2030 तक कार्बन उत्सर्जन को शून्य कर दिया जाएगा।
प्रदूषण रोकने के लिए 10 गुना तेजी से हो रहा काम
भारतीय रेलवे की ओर से विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर बयान जारी किया गया। इसके मुताबिक, रेल नेटवर्क को विद्युतीकृत किया जा रहा है। 2014 के मुकाबले यह काम 10 गुना ज्यादा हुआ है। यह पर्यावरण के अनुकूल है और इससे प्रदूषण में कमी आई है।
यात्रा को सुखद बनाने की कोशिश
रेलवे के मुताबिक, ब्रॉडगेज को भी दिसंबर 2023 तक विद्युतीकृत करने की योजना है। इसके साथ ही हेड ऑन जेनेरेशन प्रणाली, बॉयो टॉयलेट और एलईडी लाइटों को लगाया जा रहा है, ताकि यात्रा ज्यादा सुखद बनाया जा सके।
इलेक्ट्रिक इंजन से कई फायदे हुए हैं। जैसे डीजल पर निर्भरता कम होने से विदेशी मुद्रा की बचत, कार्बन उत्सर्जन में कमी।, ट्रेन परिचालन की लागत में कमी, समय की बचत।
उत्पादन इकाइयों में हरित उपाय
रेलवे ने जुलाई, 2016 में भारतीय उद्योग संघ से एक सहमति पत्र पर दस्तखत किए थे। इसका उद्देश्य था भारतीय रेलवे में हरित उपायों को अपनाना।
इसके तहत कुल 39 कार्यशालाओं, सात उत्पादन इकाइयों, आठ लोको शेड और एक स्टोर को ग्रीनको प्रमाणपत्र मिला।
718 स्टेशनों को मिले ISO प्रमाण पत्र
भारतीय रेलवे ने बीते दो वर्ष में 600 से ज्यादा स्टेशनों को जबकि अब तक कुल 718 स्टेशनों को आईएसओ: 14001 प्रमाणपत्र दिए गए। ये आईएसओ: 14001 प्रमाण पत्र उन स्टेशनों को दिए जाते हैं जो पर्यावरण मानकों को अपनाने में खरे उतरे हैं।
राजधानी में रैपिड कॉरिडोर की शुरुआत
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी अगले दो वर्षों में दिल्ली और मेरठ के बीच चलने वाली रैपिड रेल के लिए निर्माण के काम में तेजी आ गई है। दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) के दिल्ली में एलेवेटेड सेक्शन का पहला खंभा बन चुका है, जो न्यू अशोक नगर आरआरटीएस स्टेशन के पास है।
एलेवेटेड आरआरटीएस सेक्शन सराय काले खां आरआरटीएस स्टेशन से शुरू होगा और न्यू अशोक नगर आरआरटीएस स्टेशन तक पहुंचने के लिए यमुना नदी पार करते हुए बारापुला फ्लाईओवर के ऊपर से गुजरेगा। जिस खंभे को बनाया गया है, उसकी ऊंचाई 6.5 मीटर है।
पौधारोपण काम में तेजी
पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से रेलवे भी तेजी से काम कर रहा है। सिर्फ पूर्वोत्तर रेलवे ने हर वर्ष 8 से 10 लाख पौधा रोपण का लक्ष्य रखा है। खास बात यह है कि रेलवे स्टेशनों से लेकर रेलवे निवासों में रहने वाले रेल कर्मी भी पौधरोपण कर रहे हैं।
Published on:
05 Jun 2021 08:10 am
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