18 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जफरभाई सरेशवाला का बड़ा बयान, मौलान साद की गलती आज पूरे देश को भारी पड़ रही

पत्रिका कीनोट सलोन में जफर सरेशवाला ने खुलकर रखी अपनी बात पिछले पांच सालों से तबलीगी जमात दो ग्रुपों में बंटा 70 सालों में तबलीगी जमात पर कोई सवाल नहीं उठा

2 min read
Google source verification
patrika keynote salon .jpg

नई दिल्ली। पत्रिका कीनोट सलोन में इस्लामिक स्कॉलर जफरभाई सरेशवाला ने तबलीगी जमात के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला। जफरभाई सरेशवाला कहा कि इस संगठन की स्थापना 1920 में हुई थी। मौलादा साद के परदादा ने इसकी शुरुआत की थी। तबलीगी का मतलब है धर्म का प्रचार करना । लेकिन तबलीग जमात का मकसद है एक मुसलमान अच्छा इंसान बन जाए। आजादी के वक्त इस्लाम मुल्क बनाने की चर्चा जोरों पर थी।

तब तबलीगी जमात के संस्थापक और मौलाना साद के परदादा मौलाना यूसूफ साहब कहा करते थे कि पहले जिस्म पर तो इस्लाम ले आओ फिर मुल्क में इस्लाम लाना। यानी झूठ, फरेब, गलती, बेइमानी को अपने अंदर से दूर करो। तबलीग की स्थापना कुराना की आयात पर है। तुम बेहतरीन हो ।

ये भी पढ़ें: लॉकडाउन में अपने घरों में रहकर नमाज अता करें- जफरभाई सरेशवाला







मौलान साद को कार्यक्रम नहीं करने की दी थी सलाह-सरेशवाला

70 सालों से तबलीगी जमात देशभर में चल रहा है। सरकार के पास सारा इसका रिकॉर्ड है। सरकार या जांच एजेंसियां सब जानती है कि तबलीगी जमात के लोग अच्छा काम करते हैं। लेकिन कोरोना काल में मौलाना साद साहब से गलती हुई है। मैंने दोस्त के नाते उन्हें सलाह दी थी, लेकिन वह नहीं मानें ।

ये भी पढ़ें :N-95 मास्क सिर्फ मेडिकल के लिए, आम लोग इसका इस्तेमाल ना करें- डॉ संतोष शेट्टी

तबलीगी जमात आज दो गुटों में बंट गया

पिछले पांच सालों से तबलीगी जमात दो ग्रुपों में बंट गया है। एक मौलाना साद का है और दूसरा इब्राहिम देवला और मोहम्मद लाड हैं। आज 60 फीसदी उनके पास है। उनसे भी मैंने यही बात कही थी। उन्होंने मेरी सलाह मानकर कार्यक्रम को मौकूफ कर दिया। लेकिन मौलाना साद साहब इस बात को नहीं माने और कार्यक्रम होने दिया। मौलान साद ने गलती की है और सबसे बड़ी गलती कि वह आज तक सामने नहीं आ पाए हैं। अगर सामने आ जाते और कह देते कि लोग अपना इलाज कराए तो यह समस्या इतनी नहीं बढ़ती।