
नई दिल्ली। दुनिया में छाए कोरोना संकट ( Coronavirus Crisis ) के बीच आज यानी शनिवार को 15वें जी-20 शिखर सम्मेलन ( G-20 Riyadh summit ) का आगाज हो गया है। इस बार सम्मेलन का फोकस कोरोना वायरस ( Coronavirus ) की रोकथाम और उसकी वैक्सीन ( Coronavirus Vaccine ) को सभी देशों में पहुंचाने के लिए सहयोग के इर्द-गिर्द केंद्रित रहेगा। खास बात यह है कि 21-22 नवंबर तक चलने वाला यह दो दिवसीय शिखर सम्मेलन कोरोना वायरस के प्रभाव की वजह से वर्चुअल हो रहा है। आपको बता दें कि इस सम्मेलन में अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी शामिल हो रहे है। सऊदी अरब के किंग सलमान की अध्यक्षता में आयोजित इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) भी शिरकत करेंगे।
'सभी के लिए 21वीं सदी के अवसरों का एहसास'
G-20 शिखर सम्मेलन का विषय 'सभी के लिए 21वीं सदी के अवसरों का एहसास' रखा गया है। आपको बता दें कि जी-20 देशों के नेताओं की एक बैठक पहले भी मार्च में हो चुकी है। सूत्रों के अनुसार आज से शुरू होने रहे जी-20 शिखर सम्मेलन इस बार कोरोना महामारी, भविष्य की स्वास्थ्य सुरक्षा योजनाओं और वैश्विक अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने पर फोकस रहेगी। व्हाइट हाउस की ओर से जारी घोषणा के अनुसार यूएस राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस दो दिवसीय सम्मेलन में भाग लेंगे। सम्मेलन में वैश्विक नेता कोरोना महामारी की रोकथाम को लेकर तैयारियों पर चर्चा करेंगे। माना जा रहा है कि बैठक में एक समावेशी, स्थाई और बेहतर भविष्य के निर्माण कोई फैसला लिया जा सकता है।
जी20 के सदस्य देशों के नेताओं को स्पष्ट संदेश
इस दौरान संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि जी20 के सदस्य देशों के नेताओं को एकता और सहयोग करके महामारी, जलवायु परिवर्तन और विकासशील देशों में अत्यधिक कर्ज का बोझ आदि धमकियों और चुनौतियों का संयुक्त सामना करना चाहिये। न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि वे वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये 21 नवंबर से 22 नवंबर तक आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। इस दौरान वे जी20 के सदस्य देशों के नेताओं को एक स्पष्ट संदेश भेजेंगे कि हमें एकता और सहयोग की जरूरत है।
Updated on:
21 Nov 2020 08:58 pm
Published on:
21 Nov 2020 08:44 pm
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