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ईरान की तरफ से खतरों को भांपते हुए अमरीका ने समुद्री जहाजों को किया अलर्ट

अमरीकी सरकार ने पश्चिम एशिया के जलक्षेत्र में जहाजों को आगाह किया है

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Mohit Saxena

Jan 08, 2020

american ships

पश्चिम एशिया के जलक्षेत्र में अमरीकी जहाजों को तैनात किया।

नई दिल्ली। अमरीकी सरकार ने पश्चिम एशिया के जलक्षेत्र में जहाजों को आगाह किया है कि क्षेत्र में अमरीकी समुद्री हितों के खिलाफ ईरान की ओर से बदले की कार्रवाई की आशंका है। ईरान के शीर्ष सैन्य अधिकारी की हत्या के बाद ईरान ने भी अमेरिका को धमकी दी है। अमेरिकी समुद्री प्रशासन ने मंगलवार को यह चेतावनी जारी की। इसमें ईरान के रिवोलूशनरी गार्ड जनरल कासिम सुलेमानी के अमरीकी ड्रोन हमले में मारे जाने के बाद पैदा होते खतरे का हवाला दिया गया है। बीते साल बारुदी सुरंग विस्फोटों में तेल टैंकरों पर हमला किया गया था जिसके लिए अमेरिका ने ईरान को जिम्मेदार ठहराया था।

नए जनरल ने लिया बदले का संकल्प

कासिम सुलेमानी की अमेरिकी हमले में मारे जाने के बाद उनका पद संभालने वाले जनरल इस्माइल गनी ने अमेरिका से बदला लेने का संकल्प लिया है। इस बीच देश की संसद ने अमेरिकी सेना को आतंकी संगठन घोषित करने के समर्थन में मतदान किया। वहीं सुलेमानी की बेटी ने जनाजे के दौरान ही अमेरिका को खुलेआम धमकी दी और कहा कि अब अमेरिकी सैनिक बच्चों की मौत के इंतजार में दिन गिनेंगे।

ईरानी संसद में अमेरिका-इजरायल के विरोध में नारे

अमेरिका के हमले में ईरान के शीर्ष कमांडन जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद से ईरान में भारी गम और गुस्से का माहौल है। इस बीच देश की संसद ने अमेरिकी सेना और पेंटागन को आतंकी संगठन घोषित करने के समर्थन में मतदान किया। ईरान की मीडिया के अनुसार, बिल पास करने से पहले अमेरिका और इजरायल की निंदा की गई।

कोम की मस्जिद पर लाल झंडा

रविवार को कोम शहर की जानीमानी मस्जिद पर लाल झंडा फहराया गया। इसका प्रसारण ईरान के सरकारी टीवी चैनल पर भी किया गया। माना जाता है कि यह लाल रंग का झंड लहू और बदले का प्रतीक है। इसका संकेत है कि ईरान ने अमेरिका के खिलाफ युद्ध का ऐलान कर दिया है।

गौरतलब है कि अमेरिका ने ड्रोन से हमला करके बगदाद में ईरान के शीर्ष कमांडर कासिम सुलेमानी को मार दिया था। इसके बाद ईरान ने बदले की धमकी दी। राष्ट्रपति ट्रंप ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह ईरान की 52 सांस्कृतिक जगहों को निशाना बनाएंगे। दरअसल 1979 में ईरान ने अमेरिका के 52 नागरिकों को बंधक बना लिया था। बाद में ईरान ने फिर कहा कि अमेरिका में इतना साहस नहीं है।