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अमरीकी वायुसेना का दावा : बेहद नजदीक से हुआ था उड़नतश्तरी से सामना, कोशिशों के बावजूद नहीं पकड़ सके

2004 में विमान वाहक यूएसएस निमित्ज के रडार को चकमा देने वाले यूएफओ ने सबकों हैरान कर दिया था।

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वाशिंगटन। क्या उड़नतश्तरी या एलीयन का वजूद इस दुनिया में है। इसका जवाब कई दशकों से वैज्ञानिक खोज रहे हैं,मगर आज भी यह पहेली अबूझ बनी हुई है। हाल ही में अमरीकी रक्षा प्रमुखों ने सैन फ्रांसिस्को के तट पर यूएफओ से हुई मुठभेड़ पर एक 13 पन्ने की रिपोर्ट सरकार को सौंपी है। इस रिपोर्ट के अनुसार विमान वाहक यूएसएस निमित्ज़ ने नवंबर 2004 में यूएफओ के साथ चूहे और बिल्ली का खेल खेला था। रिपोर्ट में बताया गया कि किस तरह से करीब 46 फीट चौड़ी इस उड़नतश्तरी को देखकर सभी हैरान थे। इस दौरान लड़ाकू विमानों की मदद से इसे पकड़ने की कोशिश भी की गई, मगर कुछ देर में यह आखों से ओझल हो गई।

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चार स्रोतों द्वारा सत्या

टीवी चैनल लास वेगास नाउ द्वारा जारी पेंटागन रिपोर्ट में कोई लेखक या तारीख नहीं है,लेकिन कहा जाता है कि यह कई स्रोतों द्वारा सत्यापित किया गया है। इसमें बताया गया है कि यूएफओ कई मामले में उन्नत तकनीक का था और यह अमरीकी रडार को भी चकमा देने में सक्षम था। रिपोर्ट के अनुसार इस दौरान कई तस्वीरे भी खींची गई जिसमें यूएफओ की आकृति सामने आई है।

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काफी करीब से लोगों ने देखा

अमेरिकी नौसेना के दल और वायुसेना ने यूएफओ को लगभग 50 फीट की ऊंचाई पर भी देखा था । एफ-18 विमानों ने इसका रास्ता रोकने की भी कोशिश की,पर आचानक इस यान ने अपनी स्पीड बढ़ाकर विमानों को चकमा दे दिया। एक पायलट ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है जैसे रडार इसे हैक नहीं कर सका। उसने कहा कि ऐसा लगता था जैसे कोई सफेद कैंडी का खोल हवा में उड़ रहा हो।

पहले भी देखा जा चुकी है उड़नतश्तरी

इस रिपोर्ट के खुलासे से पहले भी उड़नतश्तरी को देखा जा चुका है। जर्मनी में 1954 में यूएफओ को देखा गया था। इससे लेकर उस दौर में मीडिया में काफी हंगामा हुआ था, मगर वैज्ञानिकों ने इसे सिर्फ लोगों का भ्रम बताया। इसके बाद ब्रिटेन,रूस आदि देशों में इस तरह की घटनाएं होती रहीं हैं।अमरीका की इस रिपोर्ट को लेकर अब वैज्ञानिक काफी गंभीर हैं। उनका कहना है कि अगर इतने बड़े सैन्य दस्ते को यह दृश्य दिखाई दिया है तो इसकी सत्यता की जांच जरूरी हो गई है।