यह मेरे लिए गर्व की बात है: अनमोल न्यूयॉर्क स्थित गैर लाभकारी संस्था ‘सिख कोलिशन’ द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में नारंग का कहना है कि वे बहुत उत्साहित हैं। वेस्ट प्वाइंट से स्नातक करने का उनका ख्वाब पूरा हुआ। यह मेरे लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि जॉर्जिया में मेरे समुदाय ने मुझमें जो भरोसा दिखाया और मुझे जो सहयोग दिया, वह मेरे लिए बहुत मायने रखता है। मैं अभिभूत हूं कि इस लक्ष्य तक पहुंचकर।
पहली तैनाती जापान में होगी अमरीकी अधिकारियों के अनुसार नारंग ओकलाहोमा में बेसिक ऑफिसर लीडरशिप कोर्स पूरा करेंगी और इसके बाद उन्हें जनवरी 2021 में जापान के ओकीनावा में पहली तैनाती दी जाएगी। जापान में अमरीकी सैन्य बेस काम करना एक बड़ी चुनौती माना जाता है। यहां पर अभी तक किसी गैर अमरीकी महिला को काम करने का मौका नहीं मिला है।
अमरीकी सेना में 218 साल बाद ऐसा मौका अमरीका जैसे खुले विचारों वाले देश में 218 साल बाद ऐसा पहली बार होगा कि कोई गैर अमरीकी महिला इस पद पर पहुंची हो। बीते कई सालों में ऐसा देखने को नहीं मिला है। अमेरिकी सेना में 1925 के बाद रंगभेद का प्रभाव ज्यादा था। सेना के अधिकतर अधिकारी रैंक का पद एक विशेष वर्ग को ही जा रहा था। इसके कारण निचले स्तर पर भी उसी वर्ग का वर्चस्व बढ़ता गया। ऐसा लगभग एक सदी से चलता आ रहा है।