
ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त बेरी ओ फरेल।
सिडनी। पिछले दिनों पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी (Galwan Valley) में हुई हिंसा को लेकर ऑस्ट्रेलिया (Australia) ने चीन की तीखी आलोचना की है। उसका कहना है वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) को बदलने के तरीके और इसके प्रयास का वह विरोध करता है। इससे तनाव बढ़ेगा ओर अस्थिरता को खतरा पैदा होगा।
ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त बेरी ओ फरेल (Barry O'Farrell) का कहना है कि उनका देश दक्षिण चीन सागर (South Chia Sea) में उठाए जा रहे कदमों से काफी चिंतित है। चीन की हर गैरकानूनी हरकत को ऑस्ट्रेलिया ने खारिज किया है। पूर्वी लद्दाख के हालात का हवाला देकर उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर संयम बरतने का आग्रह करता है।
वह तनाव को कम करने का समर्थन करता है। ओ फरेल ने अपने एक बयान में भारत के विदेश मंत्री से कहा कि ऑस्ट्रेलिया यथास्थिति बदलने के किसी भी प्रयास का विरोध करता है। इससे तनाव और बढ़ेगा और अस्थिरता का खतरा पैदा होगा।
एलएसी पर चीन अपनी चालबाजियां दिखा रहा
गौरलब है कि एलएसी पर चीन अपनी चालबाजियां दिखा रहा है। वह एक तरफ बैठक कर शांति का संदेश रहा है, वहीं वह सीमा से पीछे हटने को तैयार नहीं है। हालांकि वह दावा कर रहा है कि अधिकांश जगहों से सैनिकों की वापसी हो गई है। जबकि हकीकत ये है कि अभी भी सैनिक डटे हुए हैं। अभी भी वापसी की प्रक्रिया चल रही है। भारत ने चीन से इस मामले में गंभीरता से प्रयास करने को भी कहा है। दोनों देश बातचीत कर इसका हल निकालने की कोशिश में जुटे हुए हैं। संकेत इस बात के हैं कि इस बार चीन अतिक्रिम का लंबा खिंचने वाला है।
चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से दुनिया को वाकई बड़ा खतरा
इस मामले में अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोंम्पियों का कहना है कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से दुनिया को वाकई बड़ा खतरा है। चीन की सबसे बड़ी दिक्कत है कि वह अहम मौके पर भी सच को कबूल नहीं करता है। उन्होंने कहा कि चीन से रिश्तों को लेकर ट्रंप प्रशासन सही दिशा की ओर बढ़ रहा है। अमरीका हर कीमत पर अपने लोगों की आजादी सुरक्षित और सुनिश्चित करेगा।
Updated on:
31 Jul 2020 10:35 pm
Published on:
31 Jul 2020 10:32 pm
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