बिल गेट्स की संस्था बिल एंड मेलिंडा गेट्स कोरोना की वैक्सीन के लिए अरबों डॉलर खर्च कर रही है। वह करीब 40 अरब डॉलर (करीब 3 लाख करोड़) से ज्यादा खर्च करने की तैयारी में है। बिल गेट्स के अनुसार इस साल के अंत तक या फिर अगले साल की शुरुआत में कोरोना की वैक्सीन बाजार में आ जाएगी।
बिल गेट्स के मुताबिक, वैक्सीन के दो फायदे होंगे। पहला इससे बीमार इलाज संभव होगा। इसके साथ यह महामारी को काबू करने में मदद करेगी। मगर इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि वैक्सीन आने के बाद आप कोरोना से पूरी तरह से बच जाएंगे।
बिल गेट्स ने दुनियाभर में कोरोना वायरस के बढ़ रहे मामलों चिंता व्यक्त की है। गेट्स ने कहा कि इसके लिए ज्यादा टेस्टिंग बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अमरीका में कई लोग इसे नजरअंदाज कर रहे हैं। उन्होंने वाइट हाउस के इन दावों को खारिज कर दिया कि ज्यादा टेस्ट होने से अमरीका में कोरोना में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
कोरोनो वायरस वैक्सीन बनने के बाद इसके वितरण को लेकर गेट्स ने आशंका जाहिर की है। बिल गेट्स ने एक साक्षात्कार में कहा कि “आपके पास एक विकल्प होगा कि आप वैक्सीन लेते हैं या नहीं।” एक सर्वेक्षण के मुताबिक तीन-चौथाई अमरीकियों ने कहा कि यदि उन्हें यह सुरक्षित है, तो आश्वस्त किया गया था कि वे एक कोरोना वायरस वैक्सीन लेंगे। लगभग 40% अमरीकी वयस्कों ने कहा कि वे खाद्य और औषधि प्रशासन द्वारा अनुमोदित होने के बाद इसे ले लेंगे, जबकि 38% ने कहा कि वे व्यापक सहकर्मी की समीक्षा के बाद इसे ले लेंगे। अड़तीस प्रतिशत उत्तरदाताओं ने यह भी कहा कि वे तब तक इंतजार करेंगे जब तक कि जनता खुद वैक्सीन लेने से पहले खुद इसे न ले ले।
कोरोनो वायरस महामारी से अब तक दुनिया भर में 489,922 लोगों की जान ले ली है और जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के अनुसार 9.6 मिलियन संक्रमित हैं, इसका मतलब है कि वैज्ञानिकों के लिए विभिन्न आयु सीमा और आबादी के टीके लगाने में बहुत समय बिताना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।