
किसान आंदोलन पर कनाडा के पीएम का बयान
नई दिल्ली। नए कृषि कानून ( Farm Bill ) को लेकर किसानों का प्रदर्शन ( Farmer Protest )लगातार छठे दिन भी जारी है। मंगलवार को भी बड़ी संख्या में किसान दिल्ली की तरफ बढ़ रहे हैं। किसानों के इसी रुख को देखते हुए केंद्र सरकार ने नियत तिथि से दो दिन पहले ही उन्हें बातचीत के लिए बुलाया है। किसान आंदोलन के बीच कनाडा से बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल भारत में किसानों के प्रदर्शन के लेकर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने जिंता जताई है।
पीएम जस्टिन ट्रूडो ने इस प्रदर्शन के खिलाफ पुलिसिया कार्रवाई को गलत करार दिया है। ट्रूडो ने पुलिस की लाठीचार्ज और ठंड में पानी बौछार छोड़े जाने को गलत बताया यही नहीं उन्होंने इस संबंध में भारत सरकार से चिंता भी जाहिर की है।
भारत में नए कृषि कानून के खिलाफ हो रहे किसानों के प्रदर्शन की आंच कनाडा तक पहुंच गई है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा है कि भारत में हालात चिंताजनक हैं और कनाडा हमेशा शांतिपूर्ण प्रदर्शन के अधिकार की रक्षा करेगा।
यही नहीं ट्रूडो ने ये भी कहा कि, मैं किसान प्रदर्शन को लेकर भारत से आ रही खबरों पर नजर नहीं रखता तो इस तरह की रवैये से बेपरवाह ही बना रहता। ये हालात चिंता बढ़ाने वाले हैं।
परिवारों और दोस्तों की चिंता
कनाडियन पीएम ने कहा कि हम सभी अपने परिवारों और दोस्तों को लेकर चिंतित हैं। मैं आप सभी को याद दिला दूं, कनाडा हमेशा शांतिपूर्ण प्रदर्शन के अधिकार की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
ये एक दूसरे के साथ खड़े रहना का वक्त
ट्रूडो ने कहा कि हम बातचीत की प्रक्रिया पर भरोसा करते हैं, हमने कई तरीकों से इस संबंध में भारतीय पक्ष के सामने अपनी चिंताएं जाहिर की हैं। ये हम सभी के लिए साथ खड़े रहने और एक दूसरे का साथ देने का वक्त है।
कनाडा भी हो रहा प्रदर्शन
आपको बात दें कि किसानों के प्रदर्शन का असर कनाडा में देखने को मिल रहा है। टोरंटो में भी किसान प्रदर्शन के समर्थन में लोगों ने रैली निकाली। इसके अलावा ब्रिटेन की लेबर पार्टी ने सांसद तनमनजीत सिंह धेसी ने किसानों को पीटे जाने दुख जताया।
उन्होंने कहा कि ऐसे कठिन वक्त में मैं अपने पंजाब और अन्य किसानों के साथ खड़ा हूं। वहीं लेबर पार्टी के ही सांसद जॉन मैकडॉनेल ने भी तनमनजीत के बयान पर सहमति जताते हुए इसे सही करार दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ इस तरह का दमनकारी व्यवहार अस्वीकार्य है।
ये व्यवहार भारत की प्रतिष्ठा को धूमिल करता है। आपको बता दें कि कनाडा में बड़ी संख्या में पंजाब रहते हैं। ऐसे में कनाडा की राजनीति में पंजाबी समुदाय का बड़ा दखल है।
यही वजह है कि किसानों के प्रदर्शन को लेकर कनाडा की ओर से अहम प्रतिक्रिया सामने आई है।
Published on:
01 Dec 2020 02:20 pm
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