
भारत को ट्रंप से मिले न्योते पर परेशान चीन।
बीजिंग। जी-7 के शिखर सम्मेलन के लिए भारत को मिल रही अहमियत से चीन हैरान है। अमरीका उसे कूटनीतिक चालों से पस्त करने में लगा हुआ है। अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) चीन को चारों तरफ से घेरने में लगे हुए हैं। चीन को रोकने के लिए भारत एक ट्रंप कार्ड की तरह हैं। अमरीका चीन से तनाव की स्थिति में गुजर रहा है। उसका मानना है कि कोविड-19 (Covid-19) महामारी के लिए चीन ही जिम्मेदार है। इससे उसके यहां लाखों लोगों की मौत हो गई। ऐसे मे अमरीका चीन की बढ़ती ताकत को कुंद करने की कोशिश में लगा है।
ट्रंप ने समूह में रूस, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया को भी आमंत्रित किया है। अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की योजना पर चीन ने मंगलवार आपत्ति व्यक्त की है। चीन ने कहा कि बीजिंग के खिलाफ किसी तरह गुटबंदी का प्रयास नाकाम साबित होगी।
जी समूह-7 दुनिया की शीर्ष सात विकसित अर्थव्यवस्थाओं का समूह है। इसमें अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और कनाडा को जोड़ा गया है। जलवायु परिवर्तन, सुरक्षा और अर्थव्यवस्था सहित विभिन्न तरह के मुद्दों पर चर्चा के लिए इन सभी देशों के प्रमुखों की हर साल बैठक होती है।
ट्रंप ने जी-7 बैठक को सितंबर तक के लिए इसलिए स्थगित कर दी ताकी वे भारत सहित अन्य देशों को इसमें जोड़ दें। उन्होंने कहा कि पुराने पड़ गए संगठन का विस्तार जल्द किया जाए तथा इसमें भारत और तीन अन्य देशों को शामिल करने की योजना है। इसे जी-10 या जी-11 बनाया जाएगा।
भारत और तीन अन्य देशों को जी-7 शिखर सम्मेलन में न्योते को लेकर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने मीडिया से कहा कि चीन का मानना है कि सभी अंतरराष्ट्रीय संगठनों और सम्मेलनों को विभिन्न देशों के बीच विश्वास बढ़ाने की आवश्यकता है। इससे विश्व शांति तथा विकास को बढ़ावा मिल सकेगा।
लिजियन का मानना है कि यह दुनिया भर के देशों की भारी भूमिका का एहसास दिलाता है। उन्होंने कहा कि चीन के खिलाफ कोई भी गुटबंदी का प्रयास हमेशा की तरह विफल साबित होगा। ट्रंप के इस कदम को चीन ने गंभीरता से लिया है।
Updated on:
03 Jun 2020 08:53 am
Published on:
03 Jun 2020 08:39 am
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