
चीन में अब नए तरीके से किया जा रहा कोरोना का जांच
नई दिल्ली। कोरोना वायरस ( coronavirus ) महामारी ने पूरी दुनिया की चिंता बढ़ा दी है। चीन से निकला ये वायरस लगातार अपने रूप बदल रहा है। इस बीच चीन से ही एक और बड़ी खबर सामने आई है। चीन ने कोरोना की जांच का नया तरीका निकाल लिया है।
वहां की सरकार अब लोगों के शरीर के ऐसे हिस्से से स्वैब ले रही है, जिसके खिलाफ आवाज उठने लगी है। हालांकि, चीन के मेडिकल एक्सपर्ट कहते हैं कि उनका तरीका कोरोना की पुष्टि के लिए सही है और वे इसे अच्छा भी बता रहे हैं। चीन में अब नाक या मुंह के साथ-साथ एनल स्वैब (Anal Swab) यानी गुदा से स्वैब लेकर कोरोना की जांच की जा रही है।
ये कहना है वैज्ञानिकों
चीन में नाक और मुंह की बजाय एनल स्वाब से कोरोना की जांच किए जाने के बीच चीन के वैज्ञानिकों को अपना ही तर्क है। चीन के डॉक्टरों का कहना है कि ऐनल स्वाब से मिले परिणाम ज्यादा सटीक होंगे।
बीजिंग के यूआन अस्पताल के डॉक्टर ली तोंगेजेंग के मुताबिक ऐनल स्वाब प्रक्रिया से संक्रमितों का पता लगाने की दर में तेजी आ सकती है क्योंकि रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट की तुलना में वायरस मलद्वार में ज्यादा समय तक मौजूद रहता है।
कई लोगों के लिए गए स्वाब
अधिकारियों ने बीते हफ्ते बीजिंग में रहने वाले कई कोरोना संक्रमितों के मलद्वार से स्वाब लिया। इनके अलावा जो लोग क्वॉरंटीन फैसिलिटी में थे उनके भी मलद्वार से ही स्वाब लिया गया।
दरअसल पिछले कुछ दिनों में उत्तरी चीन में कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं। यही वजह है कि देशभर में कोरोना को लेकर खतरे को देखते हुए कई तरह के कदम उठाए जा रहे हैं। इसी कड़ी एनल स्वाब से जांच भी शामिल है।
आसान नहीं ये तरीका
हालांकि, सरकारी टीवी चैनल ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि यह तरीका बाकी प्रक्रियाओं की तरह बड़े स्तर पर इस्तेमाल नहीं किया जाएगा क्योंकि यह उतना आसान नहीं है।
होने लगा विरोध
इसकी शुरुआत चीन की राजधानी बीजिंग के डाक्सिंग जिले से हुई. जैसे ही लोगों को इस जांच के लिए कहा गया तो लोग विरोध करने लगे। इस तरह के जांच के खिलाफ आवाज उठने लगी है।
Published on:
28 Jan 2021 01:16 pm
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