
अमरीका के बाद चीन में वैक्सीन की सफल टेस्टिंग का दावा किया है
नई दिल्ली।कोरोना वायरस ( coronavirus ) ने महामारी के साथ-साथ ही दो महाशक्तियों चीन ( China ) और अमरीका ( America ) के बीच एक ऐसे जंग की जड़ डाल दी है, जो हर दिन गहरी हो रही है। इस जानलेवा संक्रमण को लेकर जो दोनों देशों के बीच जो लड़ाई शुरू हुई थी, वो अब वैक्सीन तक पहुंच गई है। दोनों देश कोविड-19 ( Covid-19 ) के लिए सफल वैक्सीन ( Vaccine ) का दावा कर रहे हैं। एक तरफ अमरीका की दवा निर्माता मॉडर्न ने वैक्सीन के पहले फेज ट्रायल के सफल होने की बात कही थी, इसके एक दिन बाद चीन ने एक सुरक्षित वैक्सीन विकसित करने का दावा किया है।
चीन की वैक्सीन में इस खासियत का दावा
चीन के शोधकर्ताओं ने शुक्रवार को बताया कि इस वैक्सीन से लोग जानलेवा कोरोना वायरस से बच सकते हैं। एक अमरीकी अखबार द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में शुरुआती टेस्टिंग के आधार पर कहा गया कि जिन लोगों को यह वैक्सीन दी गई है, उनमें दो हफ्ते के अंदर ही एंटीबॉडी सेल्स (Antibody cells) बन जाती हैं। इन्हें टी सेल (T-cell) कहा जाता है। कहा जा रहा है कि वैक्सीन का ट्रायल 108 लोगों के ऊपर हुआ, जिनमें 19-60 वर्ष तक की आयु वाले लोग शामिल रहे।
यह एक आशाजनक डेटा
इस परिणाम पर बोस्टन में बेथ इजराइल डिकन्से मेडिकल सेंटर ने टिप्पणी की। सेंटर के डायरेक्टर ऑफ वैक्सीन डॉक्टर डेनियल बारोच ने ये तो माना कि यह एक 'आशाजनक' डेटा है, लेकिन यह शुरुआती डेटा है। आपको बता दें दुनिया में 53 लाख से ज्यादा कोरोना संक्रमितों की पुष्टि हो चुकी है।
वैक्सीन के लिए काम कर रही कई टीमें
संक्रमण लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए दुनिया की कई टीमें इसके वैक्सीन पर काम कर रही हैं। गुरुवार को अमरीका के मॉर्डन ने इसका दावा किया, तो वहीं सोमवार को डॉक्टर बरोच हर उनके साथियों ने कोविड-19 की वैक्सीन के प्रोटोटाइप विकसित करने की बात कही। उन्होंने एक स्टडी पब्लिश कर दावा किया कि इस प्रोटोटाइप से बंदरों को कोरोना संक्रमित होने से बचाने में सफलता मिली है।
Updated on:
23 May 2020 04:07 pm
Published on:
23 May 2020 04:02 pm
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