गौरतलब है कि चीन कोरोना वायरस का जन्मस्थली रहा है। यहां के वुहान शहर से पूरी दुनिया में यह वायरस फैला था। इस वायरस ने अब तक लाखों लोगों की जान ले ली है। कई लोग इसका शिकार होकर जान गंवा चुके हैं। हालांकि बताया जा रहा है कि चीन में हालात सामान्य हो गए हैं। मगर अमरीका में इसने तबाही मचा दी है।
अमरीका (America) इस महामारी के लिए चीन को जिम्मेदार मानता है। स्टिलवेल के अनुसार चीन ने इस बात का आकलन कर लिया है कि इस समय पूरी दुनिया कोरोना वायरस से जूझ रही है। ऐसे में सभी देश चीन पर इस महामारी के फैलने का आरोप लगा रहे हैं। इससे बचने के लिए चीन ने अलग-अलग देशों के खिलाफ कई मोर्चे खोल दिए हैं। इन्हीं में से एक भारत के खिलाफ सीमा विवाद को बढ़ावा दिया गया है।
भारत समेत सभी पड़ोसियों के साथ चीन के आक्रामक रवैये पर सवाल का जवाब देते हुए स्टिलवेल ने कहा कि वह अमरीकी सरकार की ओर आधिकारिक बयान के तौर पर यह नहीं कह रहे हैं, लेकिन सार्वजनिक तौर पर उसके द्वारा ऐसा करने के कई स्पष्टीकरण मौजूद हैं।
स्टिलवेल ने कहा कि अमरीका भारत-चीन सीमा विवाद पर करीब से नजर रखे हुए है। उन्होंने ये बयान कोरोना वायरस महामारी पर विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और शीर्ष चीनी राजनयिक यांग जिएची के बीच हवाई में बैठक के बाद दिया है। उन्होंने मीडिया के सामने ये बयान दिया है। गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेना के बीच हिंसक झड़प में भारत के 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे। इस झड़प में चीन के 35 सैनिकों के हताहत होने की सूचना मिली है। हालांकि इसकी अधिकारिक सूचना चीन की ओर से नहीं मिली है। क्योंकि चीन अपनी बदनामी नहीं करना चाहता है। वहीं अमरीकी एजेंसी का कहना है कि चीन को इस झड़प में काफी नुकसान हुआ है।