
चीन की लैब से ही आया कोरोना वायरस!
नई दिल्ली। दुनियाभर में आतंक का दूसरा नाम बन चुका कोरोना वायरस ( coronavirus ) अब भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। कई देशों की कमर तोड़ चुके कोरोना वायरस को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। दरअसल कोरोना वायरस को लेकर जो कयास लगाए जा रहे थे कि ये घातक वायरस चीन ( China ) के वुहान ( Wuhan ) से आया है, वो बिल्कुल सही साबित हुए हैं।
एक रिपोर्ट का दावा तो यही कहता है कि चीन से ही कोरोना वायरस पूरी दुनिया में फैला है। लेकिन इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि चीन के वायरस के बनने में अमरीका ( America ) का भी बड़ा हाथ है। आईए जानते हैं कैसे
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दुनियाभर में फैलने वाला कोरोना वायरस चीन की मांस मार्केट से नहीं बल्कि चीन की लैब से निकला है। खास बात यह है कि ये वायरस जिस चीनी लैब से निकला है वो अमरीका के ही पैसों पर चमगादड़ों पर रिसर्च कर रही थी।
यह चौंकाने वाला दावा एक रिपोर्ट में किया गया है। खबर के मुताबिक, चीन में स्थित यह लैब अमरीकी सरकार की आर्थिक मदद पर चल रही थी। ये चीनी लैब चीन की गुफाओं से निकाले गए चमगादड़ों पर रिसर्च कर रही थी।
एक विदेशी वेबसाइट में प्रकाशित खबर के मुताबिक, वुहान इंस्टिट्यूट ऑफ वीरोलॉजी में यह रिसर्च की जा रही थी। अमरीका सरकार ने इस शोध के लिए उसे करीब 10 करोड़ रुपये का ग्रांट दिया था।
चीन की इस लैब पर पहले भी ऐसे आरोप लगते रहे हैं कि उसने ही यह वायरस फैलाया है। यह लैब वुहान की मांस मार्केट के पास ही है। उन्होंने शोध के लिए 1000 मील दूर गुफाओं से चमगादड़ों पकड़े थे।
आपको बता दें कि कोरोना वायरस से आज पूरे दुनिया में 1,783,948 लोग संक्रमित हो गए है। इस वायरस की वजह से 108,959 लोगों की मौत हो चुकी है वहीं 404,939 लोग इस वायरस से निजात पा चुके है।
लैब से मिले दस्तावेजों में छिपा सच
वेबसाइट का दावा है कि उन्हें लैब से कुछ ऐसे दस्तावेज मिले हैं जो बताते हैं कि वहां वैज्ञानिक यूएस नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ के फंड पर जमगादड़ों पर रिसर्च कर रहे थे।
इस खबर ने अमरीका में भी तूफान ला दिया है। अमरीकी सांसद मैट गैट्स ने कहा, 'मैं यह जानकर निराश हूं कि सालों से अमरीकी सरकार वुहान इंस्टीट्यूट को जानवरों पर ऐसे खतरनाक और क्रूर प्रयोग करने के लिए पैसे दे रही थी।
अमरीकी संगठन वाइट कोट वेस्ट ने कहा कि अमेरिकी सरकार टैक्स के डॉलर ऐसे प्रयोगों में खर्च करती है। उन्होंने कहा कि ऐसे सुना है कि वायरस वाले जानवर या ऐसे प्रयोगों के बाद फेंके गए जानवरों को वहां के बाजारों में बेच दिया जाता था।
Updated on:
13 Apr 2020 07:29 am
Published on:
12 Apr 2020 03:05 pm
बड़ी खबरें
View Allविश्व की अन्य खबरें
विदेश
ट्रेंडिंग
