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10 अगस्त तक आ सकती है कोरोना की वैक्सीन, सबसे पहले हेल्थ वकर्स को दी जाएगी दवाई

Published: Jul 30, 2020 09:48:25 am

Submitted by:

Soma Roy

Covid-19 Vaccine : अगस्त में आने वाली वैक्सीन को मॉस्को के गमलेया इंस्टीट्यूट ने विकसित किया है
भारत में इस वक्त दो वैक्सीन पर काम चल रहा है, जिसमें कोवैक्सीन भी शामिल है

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Covid-19 Vaccine

नई दिल्ली। कोरोना महामारी (Coonavirus Pandemic) से छुटकारा पाने के लिए इसकी दवाई तैयार करने में तमाम देशों के वैज्ञानिक जुटे हुए हैं। इसे लेकर भारत में भी करीब 23 परियोजनाओं पर काम चल रहा है। जिनमें से कई अंतिम ट्रायल पर हैं। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि कोविड-19 की वैक्सीन (COVID-19 Vaccine) 10 अगस्त या इससे पहले आ सकती है। इसे मॉस्को के गमलेया इंस्टीट्यूट ने विकसित किया है।
एक न्यूज चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक रूस की वैक्सीन का अभी दूसरा चरण पूरा होना बाकी है। उम्मीद की जा रही है कि 3 अगस्त तक यह पूरा हो जाएगा। इसके बाद तीसरे चरण का ट्रायल शुरू किया जाएगा। वैज्ञानिकों के मुताबिक कोरोना वायरस के लिए बनाई जा रही यह दवाई अन्य बीमारियों से लड़ने के लिए पहले से निर्मित एक वैक्सीन का संशोधित संस्करण है। इसलिए इसे जल्दी तैयार किया जा सकता है। हालांकि रूसी वैज्ञानिकों ने ट्रायल से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक नहीं की है। इसलिए लोगों को इस वैक्सीन को लेकर शक है। उनका मानना है कि रूस दुनिया को अपनी ताकत दिखाना चाहता है। इसी के चलते वह कोविड—19 वैक्सीन को जल्दी तैयार कर लांच कारना चाहता है।
मालूम हो कि रूसी अधिकारियों ने वैक्सीन के लांच होने के बाद इसके उपयोग के बारे में भी बताया। उनका कहना है कि वैक्सीन के उपयोग के लिए सार्वजनिक मंजूरी दी जाएगी, लेकिन इसका सबसे पहले इस्तेमाल फ्रंटलाइन हेल्थकेयर वर्कर्स करेंगे। क्योंकि वे कोरोना संक्रमित लोगों की सेवा कर रहे हैं। उन्हें संक्रमण से निपटना ज्यादा जरूरी है। क्योंकि वे स्वस्थ रहेंगे, तभी दूसरे लोग भी जल्दी ठीक हो सकेंगे। रूसी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इस वैक्सीन के मानव परीक्षण में रूसी सैनिकों ने स्वयंसेवक के रूप में काम किया है। दावा किया जा रहा है कि वैक्सीन बनाने की इस परियोजना के निदेशक अलेक्जेंडर गिन्सबर्ग ने खुद भी वैक्सीन की खुराक ली है।
कोरोना वैक्सीन को लेकर भारतीय वैज्ञानिक में काफी मेहनत कर रहे हैं। इस वक्त देश में दो वैक्सीन प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है, जिसमें आईसीएमआर और भारत बायोटेक द्वारा तैयार वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ (Covaxin) शामिल है। इसका दिल्ली एम्स, पटना एम्स, रोहतक पीजीआई समेत अन्य संस्थानों में मानव परीक्षण शुरू हो चुका है। जायडस कैडिला ने भी भारतीय औषधि महानियंत्रक से अनुमति मिलने के बाद मानव परीक्षण की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
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