
हिंसक प्रदर्शनाकों से निपटने के लिए सेना को उतारा।
वॉशिंगटन। अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में मौत (George Floyd) के बाद पूरे अमरीका में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। अब तक विरोध की आग 140 शहरों तक पहुंच चुकी है। हिंसक प्रदर्शन राजधानी वॉशिंगटन (Riots in Washington) डीसी तक पहुंच चुका है। जॉर्ज फ्लॉयड की मौत का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने रविवार को वाइट हाउस (White House) के सामने
जमकर नारेबाजी लगाई और तोड़फोड़ की।
हिंसा को रोकने के लिए अब तक 4 हजार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पूरे वॉशिंगटन में कर्फ्यू लगाया गया है। वॉशिंगटन के कुछ इलाकों में लूटपाट और आगजनी की भी खबरें सामने आईं हैं। हालात यहां तक बिगड़ गए कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार शाम को ही भारी संख्या में सेना को उतारने का फैसला लिया। इस दौरान कुछ ही घंटों में सेना को मोर्चा संभाल लिया। इस पर राष्ट्रपति ट्रंप ने ट्वीट कर लिखा, 'बीती रात वॉशिंगटन इस धरती का सबसे सुरक्षित स्थान था।'
चर्च को लगाई आग, ट्रंप ने किया दौरा
प्रदर्शनकारियों इतने उग्र हो गए कि उन्होंने वॉशिंटन में 'चर्च ऑफ प्रेजिडेंट्स' के नाम से मशहूर ऐतिहासिक सेंट जॉन्स एपिस्कोपल चर्च को आग के हवाले कर दिया। सोमवार को भारी सुरक्षा इंतजामों के बीच डोनाल्ड ट्रंप ने इसी चर्च का दौरा किया। वाइट हाउस के आसपास से आंदोलनकारियों को हटाने के लिए पुलिस ने रबर की गोलियों का इस्तेमाल किया। इस दौरान अमरीकी सेना-पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच जमकर मारपीट हुई।
24 राज्यों में तैनात 17 हजार जवान
इस बीच वॉशिंगटन समेत देश के कई हिस्सो में हालात नियंत्रण बाहर निकलता देख ट्रंप ने सेना को उतारने का फैसला किया है। मंगलवार से 24 राज्यों में करीब 17 हजार जवानों की तैनाती हुई है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अनुसार 'जॉर्ज फ्लॉयड की निर्मम हत्या से सभी अमरीकी दुखी हैं और उनके मन में एक आक्रोश है। उन्होंने कहा कि जॉर्ज और उनके परिवार को इंसाफ दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। उनके प्रशासन की ओर से उन्हें पूरा न्याय मिलेगा।
Updated on:
03 Jun 2020 11:50 am
Published on:
03 Jun 2020 11:48 am
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