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US Presidential Election: डोनाल्ड ट्रंप ने Silent Majority का दावा किया, कहा- बिडेन उनके सामने कहीं नहीं टिकते

Highlights अमरीकी राष्ट्रपति (US President) का कहना है कि 2016 के चुनावी प्रचार से अधिक इस बार उन्हें ज्यादा समर्थन मिल रहा है। डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के मुकाबले में खड़े 77 वर्षीय डेमोक्रेडिक उम्मीदवार जो बिडेन (Joe Biden) उन्हें कड़ी टक्कर दे रहे हैं।

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donald trump and joe biden

अमरीक राष्ट्रप​ति डोनाल्ड ट्रंप और विपक्ष उम्मीदवार जो बिडेन।

वाशिंगटन। अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव (US Presidential Election) के करीब आते ही दोनों पार्टियां सरकार बनाने के दावे कर रही हैं। रिपब्लिकन उम्मीदवार अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने हाल में आए चुनावी पोल पर कहा है कि उन्हें साइलेंट मैजॉरिटी (Silent Majority) मिलने वाली है। 74 वर्षीय ट्रंप का दावा है कि एक सर्वेक्षण के मुताबिक हवा उनके पक्ष में है। गौरतलब है कि ट्रंप इस समय देश में आई कई समस्याओं से जूझ रहे हैं। ऐसे में उनकी जीत के दावों को विशेषज्ञ खोखला मान रहे हैं। चुनाव में अब मात्र सौ दिन शेष रहे गए है।

अमरीका में इस समय कोरोना का कहर जारी है। यहां पर करीब डेढ़ लाख लोग इस महामारी में अपनी जान गंवा चुके हैं। वहीं इस समय अमरीकी अर्थव्यवस्था भी बर्बादी के कगार पर है। इन मामलों को लेकर कई चुनावी सर्वेक्षणों में ट्रंप को एक असफल राष्ट्रपति के रूप में माना जा रहा है।

ट्रंप के मुकाबले में खड़े 77 वर्षीय डेमोक्रेडिक उम्मीदवार जो बिडेन (Joe Biden) को अच्छा समर्थन मिल रहा है। कई चुनावी पोल में वे मजबूत स्थिति में दिखाई दे रहे हैं। ट्रंप ने अपने ट्वीटर हैंडल पर कहा कि 2016 के चुनाव के प्रचार अभियान से अधिक इस बार उन्हें अच्छा समर्थन मिल रहा है। अमरीका को महान देश बनाने के उनके संकल्प को लोग पसंद कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस मुकाबले में जो बिडेन कहीं नहीं टिकते हैं। तीन नवंबर इस बात की तस्दीक करेगा। वह दोबरा सत्ता में वापसी करेंगे।

ट्रंप ने कोरोना संक्रमण को लिया हल्के में

आलोचकों का कहना है कि ट्रंप ने महामारी को शुरूआत में हल्के में लिया था। वह उसे चुटकियों में हल करने की बात करते रहे। उनका यही दावा उन पर भारी पड़ा। कोरोना ने पूरे अमरीका में तबाही मचाई है। इससे लाखों लोगों की जान जाने के साथ अमरीकी अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है। इसके साथ अश्वेत आंदोलन में भड़के दंगों ने हालात को और बिगाड़ा है। इस दौरान ट्रंप का रवैया बेहद आपत्तिजनक रहा। उन्होंने प्रदर्शनकारियों को आतंकवादी तक कह डाला। आलोचकों का कहना है कि इन समस्याओं के बावजूद ट्रंप जीत की आस पाले बैठे हैं। कई चुनावी पोल में वह हारते दिखाई दे रहे हैं।