
अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप।
वाशिंगटन। बीते दिनों अश्वेत जार्ज फ्लॉयड (George Floyd) की पुलिस हिरासत में मौत के बाद प्रदर्शनकारियों ने अमरीका (America) के कई शहरों में उत्पात मचाया था। इस दौरान कई प्रतिमाओं को नुकसान पहुंचाया गया। कई मूर्ति को तोड़ा गया तो कई पर लिखकर उन्हें गंदा किया गया। इस मामले में शनिवार को अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने एक बयान में कहा कि उन्होंने स्मारकों, मूर्तियों को बचाने को लेकर एक कार्यकारी विधेयक पर हस्ताक्षर कर दिया है। इसके साथ ही उन लोगों को जेल जाना होगा, जिन्होंने प्रदर्शन के दौरान स्मारकों को नुकसान पहुंचाया है।
ट्रंप ने शुक्रवार को ट्विटर पर लिखा, “मुझे अमरीकी स्मारकों और मूर्तियों की रक्षा करने वाले एक बहुत ही मजबूत कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करने का विशेषाधिकार मिला था। हमारे महान देश के खिलाफ कानून विरोधी प्रदर्शन करने वालों को अब जेल की सजा काटनी पड़ेगी।”
बीते कुछ हफ्तों से प्रदर्शनकारियों की बर्बरता के कारण अमरीका के ऐतिहासिक स्मारकों को भारी नुकसान पहुंचा है। इस पर लगाम लगाने के लिये ट्रंप ने कार्यकारी विधेयक पर हस्ताक्षर कियेे। गौरतलब है कि मिनेपॉलिस शहर में अश्वेत अमरीकी नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की 25 मई को पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। उनकी मौत के बाद पूरे अमरीका में हिंसा भड़क उठी थी। हिंसा की आग वाइट हाउस तक पहुंच चुकी थी।
फ्लॉयड की मौत का एक वीडियो वायरल होने के बाद लोगों में काफी नाराजगी है। इस वीडियो में एक श्वेत पुलिस अधिकारी ने जॉर्ज फ्लॉयड को हिरासत में लिया हुआ दिखाया है। वीडियों में दिखाया गया है कि इस निहत्थे अश्वेत व्यक्ति की गर्दन पर वह घुटना टेककर बैठा हुआ है। करीब आठ मिनट पर तक वह ऐसा करता रहा, जब तक उसकी मौत नहीं होगी। 46 वषीर्य जॉर्ज फ्लॉयड की दम घुटने से मौत हो गयी थी। जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद पुलिस क्रूरता और सामाजिक अन्याय के खिलाफ अमरीका, ब्रिटेन, डेनमार्क, जर्मनी, फ्रांस, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा समेत दुनिया के कई देशों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
Updated on:
27 Jun 2020 08:42 am
Published on:
27 Jun 2020 08:23 am
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