scriptफेसबुक पर लगा बड़ा आरोप, ऑटो-जेनरेटेड कंटेंट के साथ आतंकवाद को दे रहा है बढ़ावा | Facebook accused to promotes terrorism with auto-generated content | Patrika News

फेसबुक पर लगा बड़ा आरोप, ऑटो-जेनरेटेड कंटेंट के साथ आतंकवाद को दे रहा है बढ़ावा

locationनई दिल्लीPublished: May 11, 2019 10:47:22 am

Submitted by:

Anil Kumar

एक व्हिसलब्लोअर ने फेसबुक पर चरमपंथी कंटेंट को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है।
इसके लिए पांच महीने तक रिसर्च करने के बाद एक रिपोर्ट जारी किया है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि 99 फीसदी कंटेंट ऑटो जेनरेट होता है।

फेसबुक

फेसबुक पर लगा बड़ा आरोप, ऑटो-जेनरेटेड कंटेंट के साथ आतंकवाद को दे रहा है बढ़ावा

नई दिल्ली। आज के जमाने में संपर्क और सूचनाओं के प्रसार में सोशल मीडिया को बहुत बड़ा रोल है। इसमें से एक है फेसबुक। लेकिन हाल के दिनों में कुछ ऐसे घटनाक्रम हुए हैं, जिसको लेकर फेसबुक ( Facebook ) पर कई तरह के सवाल खड़े हुए हैं। मसलन सुरक्षा व्यवस्था के लिए फेसबुक के गलत इस्तेमाल पर रोक नहीं लगा पाने को लेकर गंभीर सवाल उठे हैं। इसी संदर्भ में एक व्हिसलब्लोअर ( whistleblower ) ने पांच महीने के अपने रिसर्च के बाद फेसबुक को लेकर कई अहम खुलासे किए हैं। उन्होंने बताया है कि फेसबुक आतंकियों से सहानुभूति रखने वालों के अकाउंट को हटाने में विफल रहा है, बल्कि आतंकी सगठनों के लिए जश्न के वीडियो और पेज खुद ब खुद ही बन जाते हैं। ऐसे ही कई अहम खुलासे अपनी रिसर्च में व्हिसलब्लोअर ने की है और इसके लिए उन्होंने कुछ तथ्य भी सामने रखे हैं।

फेसबुक
फेसबुक

श्रीलंका: ISIS और NTJ के 7 आत्मघाती हमलावर गिरफ्तार, हथियारों का जखीरा बरामद

दिसंबर 2018 में शुरू की थी रिसर्च

बता दें कि व्हिसलब्लोअर ने अपनी रिसर्च दिसंबर 2018 में शुरू की थी। वाशिंगटन में नेशनल व्हिसलब्लोअर सेंटर ( nwc ) ने 48 पन्नों का व्यापक अध्ययन प्रकाशित किया है। इसमें बताया गया है कि फेसबुक किस तरह से अंकुश लगाने में नाकाम है और अल-कायदा संबद्ध आतंकवादियों को कैसे बढ़ावा मिल रहा है। आतंकियों की भर्ती में भी फेसबुक कार्रवाई करने में विफल रहा है। इस अध्ययन से पता चला है कि 3,228 मित्रों के अकाउंट्स जो कि खुद की पहचान आतंकी के रूप में की है, उनमें से केवल 30 प्रतिशत खातों को हटाया गया है। जिन दोस्तों को इस सर्वे में शामिल किया गया वे मध्य पूर्व, यूरोप, एशिया और लैटिन अमरीका से थे। उनमें से अधिकतर ने खुले तौर पर खुद को आतंकी के रूप में बताया और चरमपंथी कंटेंट को साझा भी किया। रिपोर्ट में बताया गया है कि फेसबुक ने हाल ही में अल-क़ायदा और इस्लामिक स्टेट ( ISIS ) से संबंधित 99 प्रतिशत डेटा को उपयोगकर्ताओं द्वारा रिपोर्ट किए जाने से पहले हटाने की कोशिश की थी, वास्तव में इस तरह के कंटेंट अपने ऑटो-जनरेटिंग टूल के अनुसार खुद-ब-खुद बनती है।

 

Read the Latest World News on Patrika.com. पढ़ें सबसे पहले World News in Hindi पत्रिका डॉट कॉम पर. विश्व से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर.

ट्रेंडिंग वीडियो