
वाशिंगटन। संयुक्त राष्ट्र महासभा में इमरान खान ने अपने भाषण में भारत की गलत छवि पेश करने की कोशिश की है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय बिरादरी को गुमराह करने का प्रयास किया। शनिवार को भारत विदेश मंत्रालय की प्रथम सचिव विदिशा मैत्रा ने इस पर करारा जवाब दिया। गौरतलब है कि यूएन में पाक ने हाफिज सईद को अपने अकाउंट से पैसा निकालने के लिए अनुमति मांगी थी। इसे मंजूर कर लिया गया है। इस पर तंज कसते हुए मैत्रा ने कहा कि पाक आतंकवादियों को पेंशन देने वाला अकेला देश हो गया है।
मैत्रा ने राइट टू रिप्लाई के तहत पाकिस्तान के हर झूठ से पर्दा फाश किया। उन्होंने कहा कि इमरान खान का भाषण नफरत से भरा हुआ था और उनकी कही हर बात झूठी है। उन्होंने अतंरराष्ट्रीय मंच का गलत इस्तेमाल करते हुए गुमराह करने की कोशिश की। पाकिस्तान ने खुलेआम वैश्विक आतंकी ओसामा बिन लादेन का बचाव किया था। उनका परमाणु हमले को लेकर दिया गया बयान गैर जिम्मेदाराना है। इमरान खान ने कश्मीर पर कहा था कि उनके पास हथियारों को उठाने या परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने के अलावा और कोई चारा नहीं रह जाएगा।
मैत्रा ने कहा कि मानवाधिकार की बात करने वाले पाकिस्तान को सबसे पहले पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की हालत देखनी चाहिए। इनकी संख्या 23 प्रतिशत से 3 प्रतिशत पर पहुंच गई है। वहां ईसाई, सिख, अहमदिया, हिंदू, शिया, पश्तून, सिंधी और बलोच पर सख्त ईशनिंदा कानून लागू किए जाते हैं। इनका लगातार उत्पीड़न और जबरन धर्मांतरण किया जा रहा है। पाकिस्तान को इतिहास नहीं भूलना चाहिए और याद रखना चाहिए कि 1971 में उसने अपने ही लोगों का नरसंहार किया था।'
पाकिस्तान ने बनाई आतंकवाद की इंडस्ट्री
उन्होंने पाकिस्तान की मानसिकता पर सवाल उठाए। मैत्रा ने कहा कि बंदूके उठा लेना मध्यकालीन मानसिकता को दर्शाता है। कभी क्रिकेटर रहे इमरान खान जेंटलमैन की बात करते थे, वहीं आज युद्ध और परमाणु हमले की बात करते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा देश जो आतंकवाद और नफरत को मुख्यधारा में शामिल कर चुका है वो अब मानवाधिकारों का चैम्पियन बनकर अपने वाइल्डकार्ड इस्तेमाल करना चाहता है।'
Updated on:
28 Sept 2019 09:26 pm
Published on:
28 Sept 2019 11:41 am
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