
पेरिस। अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद से यहां के हालात बदतर होते जा रहे हैं। वहीं वाशिंगटन अपने लोगों के साथ अमरीकी सेना को 31 अगस्त की समय सीमा में निकालने पर काम कर रहा है। इस दौरान अन्य देशों के लोग भी अपने लोगों को यहां निकालने की कोशिश में लगे हुए हैं।
सोमवार को फ्रांस के विदेश मंत्री ज्यां-यवेस ले ड्रियन ने कहा कि पेरिस का मानना है कि तालिबान के कब्जे के बाद वाशिंगटन की 31 अगस्त की समय सीमा के बाद भी अफगान लोगों की निकासी जारी रखना आवश्यक है। फ्रांस एक हजार से अधिक अफगानों को निकालने की कोशिश कर रहा है, जो एक हफ्ते पहले तालिबान के कब्जे के बाद से देश से छोड़ना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि "हम 31 अगस्त की संयुक्त राज्य अमरीका द्वारा निर्धारित समय सीमा के बारे में चिंतित हैं। इसे पूरा करने के लिए अतिरिक्त समय सीमा की आवश्यकता है। ले ड्रियन ने यूएई के अल-धफरा हवाई अड्डे पर मीडिया से बातचीत में कहा कि फ्रांस ने काबुल से लोगों के लिए एक हवाई पुल स्थापित किया है।
फ्रांस के प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि फ्रांस ने 17 और 22 अगस्त के बीच अफगानिस्तान छोड़ने वाले लगभग 1,200 लोगों को आश्रय दिया था, जिसमें लगभग 100 फ्रांसीसी नागरिक और 1,000 अफगान, साथ ही दर्जनों अन्य राष्ट्रीयताएं शामिल थीं। एक आधिकारिक बयान में उन्होंने कहा कि काबुल से निकासी कार्य में सैन्य कर्मी, पुलिस अधिकारियों समेत कई कर्मचारी कठिन परिस्थितियों में काम कर रहे है।
अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अस्थायी रूप से तैनात हजारों अमरीकी सैनिकों द्वारा आयोजित अराजक एयरलिफ्ट के लिए 31 अगस्त की समय सीमा तय की है लेकिन जरूरत पड़ने पर विस्तार के लिए दरवाजा खुला छोड़ दिया है। व्हाइट हाउस के अनुमान के मुताबिक, 14 अगस्त से अब तक अमरीका और उसके सहयोगियों द्वारा उड़ाए गए विमान में सवार होकर अफगानिस्तान से लगभग 25,100 लोगों को निकाला गया है।
ब्रिटेन ने सोमवार को कहा कि वह काबुल से पश्चिमी नागरिकों और अफगान सहयोगियों की निकासी को पूरा करने के लिए समय सीमा बढ़ाने के लिए जी 7 शिखर सम्मेलन में संयुक्त राज्य अमेरिका से आग्रह करेगा। लेकिन तालिबान के प्रवक्ता, सुहैल शाहीन ने एक बयान में कहा कि कट्टरपंथी इस्लामी समूह समय सीमा के किसी भी विस्तार के लिए सहमत नहीं होगा, इस समय को अंतिम समय के रूप में देखा जाए।
Published on:
23 Aug 2021 11:04 pm
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