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George Floyd Death:अमरीकी सैन्य अधिकारी ने माना, ट्रंप के साथ चर्च के दौरे पर जाना गलत निर्णय था

locationनई दिल्लीPublished: Jun 12, 2020 08:57:48 am

Submitted by:

Mohit Saxena

Highlights

संयुक्त चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल मार्क मिले (Mark Milley) ने ट्रंप के साथ वाइट हाउस (White House) से सेंट जॉन्स चर्च तक पैदल चलने पर खेद जताया
वाइट हाउस के पास बने चर्च में प्रवेश के दौरान वे राष्ट्रपति के साथ सैन्य वर्दी में घूमते दिखाई दिए।

Donald trump

अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और मार्क मिले।

वाशिंगटन। अमरीका के शीर्ष जनरल ने बीते हफ्ते वाइट हाउस (White House)के बाहर शांतिपूर्ण प्रदर्शनों के बीच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ एक चर्च के दौरे पर दिखाई देने के लिए माफी मांगी है। इस कदम को उन्होंने गलती कहा और उनकी उपस्थिति को घरेलू राजनीति में शामिल होने का संकेत माना गया।
संयुक्त चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल मार्क मिले (Mark Milley) ने एक भाषण के दौरान कहा कि उन्हें ट्रंप के साथ वाइट हाउस से सेंट जॉन्स चर्च तक पैदल जाने का पछतावा है, जहां उन्होंने अपनी लड़ाकू वर्दी पहने हुए फोटो खिंचवाई थी। Lafayette Square में स्थित चर्च में प्रवेश के दौरान वह राष्ट्रपति के साथ सैन्य वर्दी में घूमते दिखाई दिए। ट्रंप के साथ की उनकी तस्वीरों ने मीडिया में खूब सुर्खियां बटोरी हैं। कई सांसदों और वरिष्ठ पूर्व सैन्य अधिकारियों ने इस घटना की तीखी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि मार्क मिले ने इस मुद्दे में सेना को भी घरेलू राजनीति में घसीट लिया है।
संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष ने एक राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के समारोह में वीडियों कांफ्रेंसिंग के जरिए कहा कि ‘मुझे वहां नहीं होना चाहिए था। उस क्षण और उस माहौल में मेरी उपस्थिति ने घरेलू राजनीति में शामिल सेना की धारणा बनाई। “एक कमीशन वाले वर्दीधारी अधिकारी के रूप में, यह एक गलती थी जिससे मैंने सीखा है, और मुझे पूरी उम्मीद है कि हम सभी इससे सीख सकते हैं।’ जनरल मिले ने कहा कि वह इस घटना के खिलाफ हैं। ये प्रदर्शन अफ्रीकी अमरीकियों के साथ अन्याय को लेकर हो रहे हैं।
क्या हुआ था उस दिन

एक जून को वाइट हाउस के बाहर प्रदर्शकारी एकत्र होकर नारेबाजी कर रहे थे। तभी ट्रंप ने ऐलान किया कि उन्हें रोकने के लिए नेशनल गार्ड की तैनाती की जाए। थोड़ी देर में नेशनल गार्ड के जवानों ने आंसू गैस के गोले और लाठीचार्ज से प्रदर्शनकारियों को खदेड़ दिया था। इसके कुछ देर बाद डोनाल्ड ट्रंप सैन्य अधिकारियों के साथ सेंट जार्ज चर्च की तरफ बढ़े। इस चर्च पर भी प्रदर्शनकारियों ने हमला बोला था। इसका मुआयना करने के लिए ट्रंप यहां पहुंचे थे। इस कदम को ट्रंप के राजनीतिक कदम के रूप में देखा जा रहा है। वह सेना के आला अधिकारियों के साथ इस पवित्र स्थल पर पहुंचे।
क्या है मामला

अश्वेत जार्ज फ्लॉयड की हिरासत में मौत के बाद से पूरे अमरीका में प्रदर्शन का दौर जारी है। फ्लॉयड की मौत एक श्वेत पुलिस अधिकारी डेरेक चाउविन द्वारा उसकी गर्दन को अपने घुटने से काफी देर तक दबाए रखने से हुई। इस दौरान फ्लॉयड ने सांस में तकलीफ की शिकायत भी की थी। मगर पुलिस अधिकारी ने उस पर से अपना घुटना नहीं हटाया। इसका वीडियो वायरल होते ही पूरे अमरीका में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए।
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