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पूरी दुनिया में ठप्प हो सकता है इंटरनेट, अगले 48 घंटे तक ‘ग्लोबल शटडाउन’ की संभावना

locationनई दिल्लीPublished: Oct 12, 2018 11:58:09 am

पूरी दुनिया के इंटरनेट यूजर्स को इंटरनेट फेल होने के व्यापक खतरे का सामना करना पड़ सकता है

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पूरी दुनिया में ठप्प हो सकता है इंटरनेट, अगले 48 घंटे तक ‘ग्लोबल शटडाउन’ की संभावना

नई दिल्ली। दुनिया भर में अगले 48 घंटों तक इंटरनेट फेल होने का खतरा मंडराने लगा है। पूरी दुनिया के इंटरनेट यूजर्स को इंटरनेट फेल होने के व्यापक खतरे का सामना करना पड़ सकता है। इस खबर के सामने आने के बाद दुनिया भर में हड़कंप मचा गया है। बताया जा रहा है कि इंटरनेट में साइबर अटैक के खतरों को टालने के लिए ऐसा करना जरूरी है।
ठप्प हो जाएगा इंटरनेट ?

असल में इंटरनेट पर दिन दिन बढ़ते साइबर अटैक को टालने के लिए इंटरनेट के प्रमुख डोमेन सर्वर अगले 48 घंटों के लिए नियमित रखरखाव के लिए बंद किए जाएंगे। रशिया टुडे की एक खबर में बताया गया है कि नियमित रखरखाव के लिए इंटरनेट के सर्वर बंद होने से इंटरनेट उपयोगकर्ता नेटवर्क कनेक्शन में विफलताओं का अनुभव कर सकते हैं। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि मुख्य डोमेन सर्वर और इसके संबंधित नेटवर्क कुछ समय के लिए पूरी तरह बंद कर दिए जाएंगे। इस दौरान आईसीएएनएएन इंटरनेट कॉर्पोरेशन क्रिप्टोग्राफिक कुंजी को बदलकर सवेर को अपडेट करने के अलावा अन्य तरह के रखरखाव कार्य करेगा। ऐसा इसलिए किया जाएगा क्योंकि यह इंटरनेट की एड्रेस बुक यानी डोमेन नेम सिस्टम (डीएनएस) की सुरक्षा में मदद करता है।

साइबर अटैक से सुरक्षा के लिए जरूरी

आईसीएएनएएन ने कहा कि यह साइबर हमलों की बढ़ती घटनाओं का सामना करने के लिए जरूरी है। एक बयान में संचार नियामक प्राधिकरण (सीआरए) ने कहा कि एक सुरक्षित, स्थिर और लचीला डीएनएस सुनिश्चित करने के लिए वैश्विक इंटरनेट शटडाउन आवश्यक है। आगे स्पष्टीकरण देते हुए सीआरए ने कहा कि कुछ इंटरनेट उपयोगकर्ता प्रभावित हो सकते हैं, यदि उनके नेटवर्क ऑपरेटर या इंटरनेट सेवा प्रदाता (आईएसपी) इस बदलाव के लिए तैयार नहीं हैं। सीआरए ने यह भी कहा कि उचित सुरक्षा व्यवस्था करके इस प्रभाव से बचा जा सकता है। इस दौरान इंटरनेट उपयोगकर्ताओं को वेब पृष्ठों तक पहुंचने या अगले 48 घंटों में कोई वित्तीय लेनदेन करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा यदि इंटरनेट के उपयोगकर्ता पुराने आईएसपी का उपयोग करते हैं तो उन्हें वैश्विक नेटवर्क तक पहुंचने में असुविधा का सामना करना पड़ सकता है।

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