
अमरीका यात्रा से पहले इमरान का दिखावा, कहीं ड्रामा तो नहीं है हाफिज सईद की गिरफ्तारी
आतंकवाद की लड़ाई को लेकर हमेशा दोहरा चरित्र दिखाने वाले पाकिस्तान ने अचानक आतंकी हाफिज सईद के खिलाफ इतना बड़ा कदम क्यों उठाया? आखिर भारत की ओर से हाफिज को लेकर तमाम तरह के सबूत देने के बाद भी कार्रवाई से इनकार करने वाले पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने अचानक यह कदम क्यों उठाया? क्या कारण है कि सोमवार को आतंकवाद विरोधी अदालत ( anti-terrorism court ) की ओर से हाफिज को एक मामले में अग्रिम जमानत देने के बाद बुधवार को ही गिरफ्तार कर लिया गया? सवाल कई हैं, लेकिन जवाब एक है। असल में पाकिस्तान इस मामले पर एक नया ढोंग कर रहा है।
आखिरकार गिरफ्त में आ गया Hafiz Saeed , राजस्थान में भी फैला रहा था आतंक का नेटवर्क
इमरान खान का अमरीका दौरा है असल वजह
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान 20 जुलाई को अमरीका दौरे पर जा रहे हैं। इमरान खान अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ मुलाकात करेंगे।
ऐसा माना जा रहा है कि आर्थिक तंगी से बदहाल पाकिस्तान को बाहर निकालने के लिए इमरान खान ट्रंप के साथ चर्चा करेंगे और आर्थिक मदद की मांग करेंगे। हालांकि समय-समय पर अमरीका ने आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई को लेकर पाकिस्तान को फटकार लगाई है।
ऐसे में अमरीका दौरे से पहले डोनाल्ड ट्रंप को खुश करने के लिए इमरान खान ने एक साजिश के तहत हाफिज सईद को गिरफ्तार करवाया है। हाल के ही दिनों में कई बार अमरीका ने पाकिस्तान को आतंकवादियों पर कार्रवाई करने के लिए लताड़ लगाई है।
डोनाल्ड ट्रंप ने कई बार इमरान खान को आतंकवादी संगठनों पर लगाम लगाने और आतंकवादियों पर ठोस कार्रवाई करने को लेकर चेतावनी भी दी है। लिहाजा ट्रंप से मिलने से पहले इमरान खान यह सुनिश्चित करना चाहते हैं और अमरीका को यह विश्वास दिलाना चाहते हैं कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में कार्रवाई कर रहा है।
इसलिए हाफिज को गिरफ्तार किया गया है। जबकि अभी तक यह बात सामने नहीं आ पाई है कि हाफिज को किस मामले में गिरफ्तार किया गया है।
इमरान को FATF की कार्रवाई का डर
पाकिस्तान को 'फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स' ( FATF ) की कार्रवाई को डर सताने लगा है। FATF की ओर साफ कर दिया गया है कि यदि पाकिस्तान आतंकी फंडिंग को रोकने में नाकाम रहता है और आतंकवादी संगठनों के साथ-साथ आतंकवादियों पर कार्रवाई नहीं की जाती है तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
इससे पहले निवर्तमान अध्यक्ष मार्शल बिलिंग्सल ( Marshall Billingslea ) ने पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट करने की संकेत दिए थे। पेरिस में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रहरी की बैठक के बाद अपने एक बयान में कहा था कि पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट करने की संभावना ज्यादा है।
मार्शल ने आगे कहा था कि पाकिस्तान 2019 में जनवरी, फिर फरवरी और बाद में मई तक दिए गए समय में भी आतंकवादियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। आतंक के खिलाफ लड़ाई के लिए FATF की और से तय किए गए 27 शर्तों को पूरा करने में पाकिस्तान असफल रहा है। इतने लंबे समय में केवल 2 शर्तों को पूरा किया है।
हालांकि FATF के अध्यक्ष मार्शल बिलिंग्सल ने कहा था कि पाकिस्तान को आतंकवादियों व आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कुछ और समय दिया गया है। पाकिस्तान यदि सितंबर-अक्टूबर तक FATF की शर्तों के अनुसार कार्रवाई नहीं करता है तो कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
बता दें कि मौजूदा समय में पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में शामिल है। यदि पाकिस्तान ब्लैकलिस्ट में चला जाता है तो आर्थिक संकट से गुजर रहे पाकिस्तान के लिए और भी मुश्किलें खड़ी हो जाएगी। पाकिस्तान को वैश्विक संगठनों से आर्थिक मदद मिलनी बंद हो जाएगी जिससे पाक के हालात और भी खराब हो सकते हैं।
आर्थिक पाबंदियों को हटाने पर इमरान का जोर
अमरीका ने पाकिस्तान पर कई तरह के आर्थिक पाबंद लगा रखे हैं। फरवरी में कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद अमरीका ने पाकिस्तान को साफ कर दिया था कि आतंकवादियों पर कार्रवाई करें, नहीं तो भारत बड़ी कार्रवाई कर सकता है।
भारत ने बालाकोट स्ट्राइक कर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। इसके बाद अमरीका ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में इंफ्रास्ट्रक्चर और जरूरत के चीजों के लिए पाकिस्तान को दी जाने वाली 8 लाख डॉलर की आर्थिक मदद रोक दी।
अमरीका ने कहा कि पहले आतंकवादियों पर कार्रवाई करें, आतंकी संगठनों के खिलाफ ठोस कदम उठाएं फिर इसपर विचार किया जाएगा। इससे पहले भी विश्व बैंक की ओर से कई तरह की मिलने वाली आर्थिक मदद पर रोक लगा दी गई।
लिहाजा पाकिस्तान की अर्थव्यस्था अब तक के सबसे बुरे दौर में पहुंच गई है। पाकिस्तान में महंगाई चरम पर है। लोग खाने को मोहताज हो गए हैं। ऐसे में इमरान खान ने आर्थिक पाबंदियों को हटवाने के लिए हाफिज की गिरफ्तारी का दिखावा किया है।
इससे पहले भारत की ओर स कई तरह के सबूत दिए जा चुके हैं लेकिन इमरान खान ने कार्रवाई के नाम पर केवल दिखावे के अलावा कुछ नहीं किया और भारत को छलने का काम किया है।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद के समर्थन और पालन-पोषण को लेकर बदनाम हो चुके पाकिस्तान की इज्जत को बचाने के लिए इमरान खान अमरीकी दौरे से पहले हाफिज को गिरफ्तार कर दुनिया के सामने एक संदेश देना चाहते हैं कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है। क्योंकि इमरान और ट्रंप के मुलाकात पर पूरी दुनिया की नजर होगी।
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Updated on:
18 Jul 2019 10:02 am
Published on:
17 Jul 2019 04:16 pm
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