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कोरोना वायरस पूरी तरह से बीजिंग का षड्यंत्र, भारत सरकार से आईसीजे में जाने की अपील

Highlights इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ ज्यूरिस्ट ने आवाज उठाई। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से अपील की। दुनिया के अन्य हिस्सों में लाखों लोग बेरोजगार हो गए हैं।

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बीजिंग। चीन की चालबाजियों के खिलाफ इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ ज्यूरिस्ट ने आवाज उठाई है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से उसने अपील की है कि चीन पर मानवता के खिलाफ गंभीर अपराध पर कड़ा जुर्माना लगाया जाए। संगठन का आरोप है कि कोरोना वायरस महामारी पूरी तरह से बीजिंग का षड्यंत्र है। इस तरह से वह खुद महाशक्ति बनना चाहता है।

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आईसीजे के अध्यक्ष आदिश सी.अग्रवाल के अनुसार वायरस को फैलने से रोकने के लिए चीन द्वारा कार्रवाई नहीं करने से पूरी दुनिया में मंदी का माहौल है। खरबों डॉलर का नुकसान हुआ है तथा भारत एवं दुनिया के अन्य हिस्सों में लाखों लोग बेरोजगार हो गए हैं।

अग्रवाल का कहना है कि यह बड़ी हैरान करने वाली बात है कि वायरस चीन के सभी प्रांतों में कैसे नहीं फैला। जबकि दुनिया के सभी देशों में यह फैलता चला गया। उन्होंने जिनेवा स्थित मानवाधिकार संगठन से अपील की है कि वायरस को फैलाने के लिए जिम्मेदार चीन और उसकी सेना पर कड़ा जुर्माना लगाया जा चाहिए। कोरोना वायरस के कारण करीब 60 हजार से अधिक लोगों की जान चली गई। लगभग आधी से ज्यादा दुनिया लॉकडाउन की स्थिति में है।

अग्रवाल ने यूएनएचआरसी से मांग की वह चीन को आदेश दे कि वह बीमारी को फैलाने की जिम्मेदारी ले। इसके लिए पूरी दुनिया और खासकर भारत को क्षतिपूर्ति करे। इससे पहले,अरुणाचल प्रदेश के एक कांग्रेस नेता ने मोदी सरकार से मांग की है कि कोरोना वायरस को फैलाने को लेकर चीन के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय न्यायलय में मुकदमा किया जाए।

अरुणाचल प्रदेश के कांग्रेस विधायक निनोंग इरिंग ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को खत लिखा है। इसमें भारत सरकार को अंतरराष्ट्रीय कोर्ट (ICJ) जैसे अंतरराष्ट्रीय फोरम में जाने की अपील की गई है। इस जैविक युद्ध के लिए चीन से 22 अरब डॉरल हर्जाने की मांग की जाए।