
वाशिंगटन। भारत सरकार ने 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने का ऐलान किया था। तब से जहां भारत की मीडिया वहां के हालतों के सामान्य होने का दावा करती आ रही है, तो वहीं कई अंतरराष्ट्रीय मीडिया हाउस ने अपनी रिपोर्ट में बढ़चढ़ कर दावा किया कि कश्मीर में मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है। खासकर, अमरीकी मीडिया पर कश्मीर मामले में एकतरफा रिपोर्टिंग करने का आरोप लगता है। इस पर अमरीका में भारत के राजदूत हर्षवर्धन श्रृंगला ने US मीडिया की आलोचना की है।
कश्मीरियों की भलाई के लिए लिया गया फैसला
राजदूत हर्षवर्धन श्रृंगला ने आरोप लगाया कि अमरीकी मीडिया के कुछ विशेष वर्ग उदारवादी मीडिया कश्मीर की रिपोर्टिंग करते वक्त सिर्फ उन्हीं पहलूओं पर ध्यान गड़ाए हुए हैं, जो भारत के खिलाफ हैं। भारतीय राजदूत ने आगे कहा कि भारत सरकार ने यह फैसला वहां के लोगों की भलाई को देखते हुए लिया है। अगस्त में भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद को खत्म कर दिया था। इसके साथ ही कश्मीर को एक केंद्र शासित प्रदेश में तब्दील कर दिया था। इसके साथ ही कश्मीर से लद्दाख को भी अलग करने का फैसला लिया था।
आर्टिकल 370 की आड़ में आतंक को मिल रहा था बढ़ावा
समाचार एजेंसी PTI को दिए एक इंटरव्यू में शीर्ष भारतीय राजनयिक ने कहा, 'इस विशेष प्रावधान के चलते कश्मीर की अर्थव्यवस्था बर्बाद हो रही थी। इसकी आड़ में पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा था। लेकिन, दुर्भाग्य से अमरीक के खासतौर पर कुछ उदारवादी मीडिया ने किन्हीं विशेष कारणों से कश्मीर के सिर्फ उन्हीं पहलू दिखाने की कोशिश की उनके मुताबिक है।' आपको बता दें कि इससे पहले अमरीका में रह रहे कश्मीरी पंडितों ने एकतरफा खबरें प्रकाशित करने के खिलाफ 'द वाशिंगटन पोस्ट' के कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया था।
Updated on:
11 Sept 2019 10:44 am
Published on:
11 Sept 2019 10:43 am
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